रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत राज्य को आवंटित लक्ष्य को वापस लेने के मामले मंं केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा है कि केंद्र सरकार राज्य के लंबित धन को जारी नहीं कर रही है और योजना के लक्ष्य को पूरा नहीं करने का आरोप राज्य सरकार पर ही लगा रही है। रायपुर के स्वामी विवेकानंद विमानतल पर शुक्रवार को लखनऊ रवाना होने से पहले बघेल से जब संवाददाताओं ने पीएमजीवाई-जी के लिए आवंटन वापस लेने के केंद्र के कदम को लेकर सवाल किया तब उन्होंने कहा, ‘‘हम लगातार यह बात उठाते रहे हैं कि भारत सरकार ने केंद्रीय उत्पाद शुल्क का जो हमारा हिस्सा है उसे अभी तक नहीं दिया है। जीएसटी में भी लगातार कटौती कर रहे हैं।
यह राशि लगभग 21-22 हजार करोड़ रूपये होती है। साथ ही कोयला में जो पेनाल्टी लगा है, रायल्टी की वह राशि 4,140 करोड़ रुपये है, यह राशि भी हमें नहीं दे रहे हैं।’’ मुख्यमंत्री ने कहा,एक तरफ केंद्र सरकार हमें राशि नहीं दे रही है, दूसरी तरफ आरोप लगाती है कि हम योजना पूरा नहीं कर रहे हैं। जब प्रधानमंत्री के नाम से योजना है तब 60:40 का अनुपात क्यों है। वह 90:10 का अनुपात होना चाहिए। 100 प्रतिशत होना चाहिए।उन्होंने कहा,प्रधानमंत्री के नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना है। पहले इंदिरा आवास योजना था उसका नाम बदल कर प्रधानमंत्री आवास योजना कर दिया गया। उसमें भी अब 60:40 का अनुपात है। तो पूरा दे न। हम कहां कह रहे हैं कि हम नहीं बनाएंगे। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने इस वर्ष 17 नवंबर को छत्तीसगढ़ को लिखे एक पत्र में कहा है कि राज्य को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए आवंटित ग्रामीण क्षेत्रों में 7,81,999 घरों के लक्ष्य को तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया गया है।
भाजपा ने लगाए आरोप
पत्र में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ ने योजना में तेजी लाने के लिए संतोषजनक परिणाम नहीं दिखाया है। केंद्र सरकार के इस पत्र के बाद पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह सहित राज्य में भाजपा के नेताओं ने राज्य सरकार पर अक्षम होने का आरोप लगाया है तथा सोशल मीडिया में पत्र को साझा किया था। रमन सिंह ने ट्वीट किया, कांग्रेस की छत्तीसगढ़ सरकार के निकम्मेपन के कारण गरीबों के घर नहीं बन पाएंगे। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय का पत्र पढ़िए और अंदाजा लगाइए कैसे भूपेश बघेल राज्य के गरीबों की उम्मीदों की हत्या कर रहे हैं। प्रदेश सरकार की लापरवाही के कारण पीएम आवास के 2021-22 में आवंटित 7,81,999 घर अब नहीं बन पाएंगे। राज्य के सत्ताधारी दल ने केंद्र के इस कदम को कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ के साथ सौतेला व्यवहार करार दिया है। कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा,केंद्र सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना एवं फंड के आवंटन में छत्तीसगढ़ के साथ छल पूर्ण व्यवहार कर रही है।
भाजपा के नेता, मोदी सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में नाकामी और भेदभाव पर पर्दा डालने के लिए राज्य सरकार पर झूठे तथा मनगढ़त आरोप लगा रहे हैं। मोदी सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना के आवंटन में भी अन्य केंद्रीय योजना की तरह ही छत्तीसगढ़ के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है।’’ ठाकुर ने कहा,पीएम आवास के फंड के आवंटन के लिए छत्तीसगढ़ में रेरा में पंजीयन को अनिवार्य किया जा रहा है। वहीं भाजपा शासित राज्य मध्यप्रदेश को रेरा में पंजीयन के बैगर निरंतर फंड का आबंटन और आवास का एलामेंट किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में पीएम आवास के लगभग 1100 परियोजनाएं चल रही है जिसकी दूसरी किश्त की लगभग 1500 करोड़ रुपये की राशि का भुगतान केंद्र सरकार ने अब तक नहीं किया है।