चेन्नई, तमिलनाडु सरकार ने लापता बच्चों के डीएनए का पता लगाने DNA detection system के लिए शनिवार को फोरेंसिक डीएनए प्रोफाइल खोज प्रणाली की शुरुआत करते हुए कहा कि यह डीएनए के आधार पर अपहृत और लापता बच्चों को माता-पिता से मिलाने सहित विभिन्न पहलुओं में उपयोगी साबित होगी। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गयी।
तमिलनाडु इस तरह की प्रणाली की शुरुआत करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है, मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने इस प्रणाली की शुरुआत की। विदेशों में डीएनए को आईटी के साथ मिलाने से इसकी दक्षता कई गुना बढ़ गई है और ऐसी तकनीक देश में अब तक उपलब्ध नहीं थी।
यह प्रणाली अपहृत और लापता बच्चों को उनके डीएनए ‘तुलना’ के आधार पर माता-पिता के साथ फिर से मिलाने, अंतर-राज्यीय अपराधियों पर नज़र रखने, बार-बार अपराध करने वाले व्यक्तियों की पहचान करने और अज्ञात शवों और मानव कंकालों की पहचान करने में बेहद उपयोगी साबित होगी।