भोपाल। मध्य प्रदेश में वैक्सीनेशन को लेकर कई तरह की कवायदें की जा रही हैं। इसी कड़ी में उज्जैन कलेक्टर ने ठोस कदम उठाते हुए नया फरमान सुनाया है, जिसके तहत तमाम सरकारी कर्मचारी और राशन कार्ड धारकों को 30 नवंबर तक वैक्सीन के दोनों डोज लगवाना जरूरी है। अगर तय समय तक वैक्सीन के दोनों डोज नहीं लगवाए। तो उन्हें सैलरी और राशन नहीं दिया जाएगा। इसके लिए कलेक्टर ने जिला कोषालय अधिकारी को निर्देश दिए हैं। बता दें कि निगम आयुक्त ने भी निगम क्षेत्र में आने वाले तमाम होटलों, लॉज, धर्मशाला के लिए आदेश जारी किए हैं, आदेश में कहा गया है कि बिना वैक्सीन के किसी के साथ सामान का लेनदेन नहीं किया जाए। साथ ही होटल का कमरा भी नहीं दिया जाए।
दूसरे डोज पर दिया जाएगा जोर
10 नवंबर से वैक्सीनेशन महाअभियान एक बार फिर शुरू हो चुका है। प्रदेश में दूसरे डोज की रफ्तार कम होने से पेंडेंसी भी 1 करोड़ से ज्यादा हो गई है। वहीं अब सरकार दूसरे डोज का 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के लिए अगले 4 बुधवार को वैक्सीनेशन महाअभियान दोबारा शुरू कर रही है। यह अभियान 10 नवंबर, 17 नवंबर, 24 नवंबर और 1 दिसंबर प्रत्येक बुधवार को होगा। वहीं 17 नवंबर को वैक्सीनेशन महाअभियान का दूसरा दिन है। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने 16 नवंबर को प्रदेश में उन लोगों को चिन्हित किया है जिन्होंने अभी तक कोरोना का टीका नहीं लगवाया है। वहीं टीम वार्ड में घर-घर जाकर सर्वे भी कर रही है। बता दें कि प्रदेश में अब तक 5 करोड़ से ज्यादा लोगों को पहला डोज लग चुका है। वहीं सरकार ने 18 वर्ष के उपर के लोगों में दोनों डोज का 100 प्रतिशत लक्ष्य पूरा करने के लिए दिसंबर 2021 तक का समय तय किया है और उम्मीद है कि इस लक्ष्य को जल्द हासिल कर लिया जाएगा।
रोजाना जांचे जा रहे 58 हजार सैंपल
प्रदेश में प्रतिदिन औसतन 58 हजार नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच हो रही है। अब तक कुल 5 कोरोड़ से ज्यादा लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं। जिसमें दो करोड़ लोगों को टीके की दोनों खुराकें मिल चुकी हैं। प्रदेश में अब तक भोपाल, इंदौर और आगर जिलों में सभी पात्र लोगों को टीके की पहली खुराक दी जा चुकी है। प्रदेश में महामारी की स्थिति नियंत्रण में होने का दावा करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कोविड-19 की स्थिति नियंत्रित होने के बावजूद लोगों को जागरुक करने के लिए एक अभियान चलाया जाना चाहिए।