नई दिल्ली। रियल एस्टेट कंपनियों के शीर्ष निकाय क्रेडाई ने सीमेंट और इस्पात की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि पर चिंता जताई है। क्रेडाई ने कहा है कि अगर कच्चे माल के दाम नीचे नहीं आए, तो आवासीय संपत्तियों की कीमतें 10 से 15 प्रतिशत बढ़ सकती हैं। उद्योग निकाय ने सरकार से कच्चे माल की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने की मांग करते हुए निर्माण क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाली सामग्री पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती का सुझाव दिया।
कनफेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) ने कहा कि निर्माण में इस्तेमाल किये जाने कच्चे माल की कीमतों में जनवरी, 2020 से लगातार वृद्धि हो रही है। निकाय ने कहा कि कोविड प्रतिबंधों और श्रमबल की कमी के कारण निर्माण में देरी से पिछले 18 महीनों में निर्माण लागत में 10 से 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
क्रेडाई ने एक बयान में कहा, ‘‘कच्चे माल की कीमतें निकट भविष्य में नहीं घटती हैं, तो इस बात की बहुत अधिक संभावना है कि निर्माण की बढ़ी हुई लागत की भरपाई के लिए आवासीय संपत्तियों की कीमतें 10-15 प्रतिशत तक बढ़ जाएंगी।’’ क्रेडाई के अध्यक्ष हर्ष वर्धन पटोदिया ने कहा, ‘‘हम पिछले एक साल में कच्चे माल की कीमतों में लगातार तेज वृद्धि देख रहे हैं और निकट भविष्य में उनके नीचे आने या स्थिर होने संभावना नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि ऐसे में बिल्डर बढ़ती लागत का बोझ नहीं उठा पाएंगे और वे इसे घर खरीदारों पर डालेंगे।