भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिरसा मुंडा की जयंती पर मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में ‘जनजातीय गौरव दिवस सम्मेलन’ को संबोधित किया। इस दौरान पीएम ने आदिवासी समाज के लिए कई योजनाओं का भी ऐलान किया। साथ ही उन्होंने अपने भाषाण में ‘वनधन विकास योजना’ का जिक्र किया। ऐसे में जानना जरूरी है कि आखिर ये योजना है क्या ?
क्या है वनधन विकास योजना
वन धन योजना 14 अप्रैल, 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जनजातीय मामलों के मंत्रालय के साथ केंद्रीय स्तर पर नोडल विभाग के रूप में और राष्ट्रीय स्तर पर नोडल एजेंसी के रूप में शुरू की गई, सामाजिक के लिए एक अच्छी सोच वाला मास्टर प्लान है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य देश की जनजातीय आबादी का आर्थिक विकास करना है।
योजना के प्रमुख काम
वन धन योजना का प्रमुख काम आदिवासी लोगों के लिए आजीविका सृजन को लक्षित करना और उन्हें उद्यमियों में बदलना है। इसके अलावा वनाच्छादित जनजातीय जिलों में वन धन विकास केन्द्रों (VDVK) के स्वामित्व वाले जनजातीय समुदाय को स्थापित करना है। केंद्र सरकार इस योजना के तहत देश के जनजातीय क्षेत्रों में 50,000 ‘वन धन विकास केंद्र’ स्थापित करेगी, ताकि वन उपज के लिए प्राथमिक प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके और जनजातियों के लिए रोजगार उपलब्ध हो सके। बता दें कि इस योजना के तहत देशभर में अभी तक 141 आउटलेट खोले जा चुके हैं, जहां जनजातीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
आजीविका और बाजार से जोड़ती है यह योजना
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 31 मार्च, 2021 तक ट्राईफैड के द्वारा 18 महीने से भी कम समय में 2224 वीडीवीकेसी (वन धन विकास केंद्र क्लस्टर) के प्रत्येक समूह में शामिल 300 वन निवासियों के साथ 33,360 वन धन विकास केंद्रों को मंजूरी दे दी गई है। वन धन विकास केंद्र समूह 23 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों के वन धन विकास केंद्रों को व्यापक आर्थिक लाभ, आजीविका और बाजार से जोड़ने के साथ-साथ जनजातीय वन सभाओं को उद्यमशीलता के अवसर प्रदान करेंगे।
पूर्वोत्तर इस मामले में नेतृत्व कर रहा है जहां 80 प्रतिशत वीडीवीके स्थापित हैं.।इसके बाद महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश ऐसे अन्य राज्य हैं जहां इस योजना को शानदार परिणामों के साथ अपनाया गया है। यह बाजार से संबंध स्थापित करने में सफल रहा है। इनमें से कई जनजातीय उद्यम बाजारों से जुड़े हैं।
वन धन से तैयार किए जा रही है उत्पादों की सीरीज
योजना के तहत फलों की कैंडी (आंवला, अनानास, जंगली सेब, अदरक, अंजीर, इमली), जैम (अनानास, आंवला, बेर), रस और स्क्वैश (अनानास, आंवला, जंगली सेब, बेर, बर्मी अंगूर), मसाले (दालचीनी, हल्दी, अदरक), अचार (बांबू शूट, किंग चिली मिर्च) और संसाधित गिलोय से लेकर सभी उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला को संसाधित करते हुए वन धन विकास केंद्रों में पैक किया गया है और इन्हें ट्राइब्स इंडिया आउटलेट्स के माध्यम से TribesIndia.com पर और बाजार में मार्केटिंग किया जाता है।