नई दिल्ली। कहते हैं कि सीखने और पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती। आप चाहे किसी भी उम्र के हों, ‘अगर चाह है तो राह है’। इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है केरल की 104 साल की वयोवृद्ध महिला कुट्टियम्मा (Kuttiyamma) ने। उन्होंने राज्य शिक्षा परीक्षा में 100 में से 89 अंक हासिल कर एक मिसाल कायम की है। उनके इस कारनामे के बाद हर तरफ चर्चा है। लोग सोशल मीडिया के जरिए उन्हें बधाई दे रहे हैं। आइए जानते हैं कुट्टियम्मा के बारे में।
क्या है राज्य साक्षरता मिशन?
बता दें कि केरल राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण राज्य सरकार द्वारा चलाया जाने वाला एक मिशन है और इस मिशन का उद्देश्य हर एक नागरिक को साक्षण, सतत शिक्षा और आजीवन सीखने को बढ़ावा देना है। वर्तमान में, यह चौथी, सातवीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के लिए समकक्ष कार्यक्रम प्रदान करता है। कुट्टियम्मा इसी परीक्षा में पास होकर सबसे उम्रदराज महिला के रूप में अपना नाम दर्ज कराया है।
टेस्ट में हजारों लोगों ने भाग लिया था
मालूम हो कि केरल में कोट्टायम जिले की अयराकुन्नन पंचायत द्वारा राज्य साक्षरता मिशन परीक्षा आयोजित की गई थी। इस टेस्ट में हजारों लोगों ने भाग लिया था। लेकिन दादी कुट्टियम्मा सबसे ज्यादा चर्चा में इस लिए हैं क्योंकि उन्होंने इस परीक्षा में सबसे उम्रदराज महिला के साथ-साथ 100 में से 89 अंक हासिल किए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने कभी भी किसी स्कूल में पढ़ाई नहीं की है। पहले वह पढ़ तो लेती थी, लेकिन लिख नहीं पाती थी। ऐसे में उन्होंने लिखने का तरीका सीखने का फैसला किया और अब उन्होंने यह कारनामा कर दिखाया है।
ऐसे विकसित किया लेखन कौशल
उन्होंने अपने लेखन कौशल को विकसित करने के लिए एक शिक्षक की मदद ली। इसके बाद घर पर सुबह-शाम लिखने का अभ्यास करने लगी। जब उन्हें लगा कि उनका लेखन कौशल विकसित हो गया है, तो उन्होंने परीक्षा में भाग लेने का फैसला किया। उनके इस कारनामें के बाद केरल विधानसभा के शिक्षा मंत्री वी शिवकुट्टी ने उन्हें बधाई दी है।