भोपाल। मध्य प्रदेश में आदिवासियों पर प्रभाव के लिए राजनीतिक होड़ तेज होती दिखाई दे रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भोपाल में 15 नवंबर को आदिवासी समुदाय के प्रतीक और स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती को मनाने के लिए आदिवासी रैली को संबोधित करने वाले हैं तो वहीं विपक्षी दल कांग्रेस भी इसी दिन जबलपुर में एक आदिवासी सम्मेलन करने जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के कुछ दिन पहले सत्तारुढ़ भाजपा ने कांग्रेस पर एक परिवार पर आस्था रखने के लिए मुंडा सहित अन्य आदिवासी नायकों, प्रतीकों की अनदेखी करने का आरोप लगाया था। विपक्षी दल कांग्रेस ने पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा केवल वोट बैंक की राजनीति के लिए आदिवासी प्रतीकों का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रही है। मध्य प्रदेश सरकार ने 15 नवंबर को भोपाल के जंबूरी मैदान में जनजातीय गौरव दिवस (आदिवासी गौरव दिवस) पर आदिवासी सम्मेलन का आयोजन किया है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे। बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बिरसा मुंडा की जयंती को मनाने और भारतीय इतिहास और संस्कृति में अनुसूचित जनजातियों के सदस्यों के योगदान का सम्मान करने के लिए 15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस घोषित करने का फैसला किया था।
हर साल करती है कांग्रेस आयोजनः भूपेंद्र गुप्ता
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस 15 नवंबर को जबलपुर में आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि देने के लिए एक सम्मेलन का आयोजन कर रही है। मुंडा की प्रतिमा हमारी सरकार (पूर्ववर्ती) ने उनकी जयंती पर वहां स्थापित की थी। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस हर साल इस कार्यक्रम का आयोजन करती है जिसमें जबलपुर के आसपास के कई इलाकों के आदिवासी शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, स्थानीय विधायक और आदिवासी नेता इस साल कार्यक्रम में शामिल होंगे। उन्होंने कहा इन क्रांतिकारियों को कांग्रेस दशकों से सम्मानित कर रही जबकि वोट बैंक की राजनीति के तहत आदिवासियों के लिए भाजपा और उनके संबद्ध संगठनों का यह एक नया प्यार प्रतीत होता है।