रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य सरकार झीरम घाटी नक्सली हमले के मामले में राज्यपाल को सौंपी गई छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश प्रशांत कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाले न्यायिक आयोग की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं करेगी। इस बीच, बघेल ने 1947 में भारत की स्वतंत्रता को ‘भीख’ के रूप में वर्णित करने के लिए अभिनेत्री कंगना रनौत की आलोचना की और कहा कि उन्हें इस तरह की शर्मनाक टिप्पणी के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा,जो कहते हैं कि आजादी भीख में मिली थी, वे उन महान विभूतियों और हमारे पूर्वजों का अपमान करते हैं, जो आजादी की लड़ाई के लिए जेल गए, जिन्होंने अंग्रेजों की लाठियां और गोलियां भी खाईं। इससे ज्यादा शर्मनाक बयान कोई नहीं हो सकता । इसके लिए माफी मांगनी चाहिए।
बघेल ने नयी दिल्ली से लौटने के दौरान शुक्रवार रात रायपुर के स्वामी विवेकानंद विमानतल पर संवाददाताओं से कहा कि रमन सिंह की तत्कालीन सरकार ने झीरम मामले में जांच आयोग गठित किया था और उसका समय 20 बार बढ़ाया गया, लेकिन इसके बाद भी इस वर्ष जून में उसे अंतिम अवसर दिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘सितंबर माह में आयोग के सचिव लिखते हैं कि जांच पूरी नहीं हुई है। उसी समय न्यायमूर्ति मिश्रा, जो इस आयोग के अध्यक्ष थे, उनका आंध्र प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में स्थानांतरण हो गया। तब ऐसी स्थिति में विधि विभाग से सलाह ली गई कि यदि यह परिस्थिति बनी है तो हमारे पास इसका क्या विकल्प है। इस बीच मीडिया के माध्यम से पता चलता है कि राजभवन में रिपोर्ट सौंप दी गई है।’’ मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्हें अधिकारियों ने जानकारी दी है कि राजभवन ने अधूरी रिपोर्ट को राज्य सरकार को सौंप दिया है।
उन्होंने कहा कि आयोग की रिपोर्ट यदि पूरी हो जाती है, तो उसे विधानसभा में रखा जाता है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने दो सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जो अधूरी जांच को पूरा करेगी । यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार राजभवन से प्राप्त रिपोर्ट को सार्वजनिक करेगी, उन्होंने कहा कि सरकार यह बिल्कुल नहीं करेगी। उन्होंने कहा, ‘‘अधूरी रिपोर्ट है, इसे (सार्वजनिक) कैसे कर सकते हैं। क्योंकि आयोग के सचिव ने लिखा है कि जांच पूरी नहीं हुई है, तो किस तथ्य को आप मानेंगे। जो रिपोर्ट सौंपी गई है उसे, या जो आयोग के सचिव द्वारा सामान्य प्रशासन विभाग को लिखा गया है उसे। बघेल ने कहा, ‘‘हमने विधि विभाग के अभिमत के बाद दो सदस्यीय आयोग का गठन किया गया। जो आगे जांच करेगा।’’ छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र की झीरम घाटी में 25 मई, 2013 को नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला कर दिया था। इस हमले में कांग्रेस की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत 29 लोगों की मृत्यु हो गई थी।