भोपाल। बॉलीवुड में अपनी एक्टिंग के दम पर अलग पहचान बनाने वाले आशुतोष राणा आज अपना 54वां जन्मदिन मना रहे हैं। उनका जन्म 10 नवंबर 1967 को मध्य प्रदेश के गडरवाडा में हुआ था। राणा ने लगभग दो दशक के अपने फिल्मी करियर में कई शानदार किरदार निभाए हैं। गंभीर किरदार हो या फिर खूंखार विलेन का एक्ट वे इन किरदारों को पर्दे पर जीवित कर देते हैं। आज आशुतोष राणा के जन्मदिन पर आपको उनकी लाइफ से जुड़ी कुछ अनसुनी अनकही बातें बताएंगे।
आशुतोष पढ़ने में औसत छात्र थे
आशुतोष की पढ़ाई-लिखाई मध्य प्रदेश में हुई। वे पढ़ने में औसत छात्र थे। आपको जानकर हैरानी होगी कि, जब उन्होंने ग्यारहवीं की परीक्षा पास की थी तो उनके गांव में इसका जोरदार जश्न मनाया गया था और गांव में एक रैली निकालकर ढोल-नगाड़े के साथ लोग झूमे थे। इस घटना का जिक्र इनके भाई ने एक इंटव्यू में किया था। आशुतोष का एक्टिंग के प्रति झुकाव बचपन से ही था। वो गाडरवाडा की गलियों में नाटक किया करते थे। इसके अलावा अपने इलाके के रामलीला में रावण का किरदार भी निभाया करते थे। ।
दद्दा जी ने जीवन की दिशा बदल दी
हालांकि, जब आशुतोष आगे की पढ़ाई के लिए सागर पहुंचे, तो उन्होंने छात्र राजनीति में जाने का फैसला किया। लेकिन इसी दौरान उनकी मुलाकात देवप्रकाश शास्त्री से हुई, जिन्हें आशुतोष सम्मान से दद्दा जी कहते हैं। उन्होंने आशुतोष को पॉलिटिक्स छोड़ फिल्म लाइन में करियर बनाने की सलाह दी और इस सलाह ने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी।
संघर्ष का किरदार
पहले NSD गए, फिर टीवी किया उसके बाद सिल्वर स्क्रीन तक पहुंचे। आशुतोष राणा ने अपने करियर के शुरुआती दौर में कृष्णा अर्जुन, दुश्मन और गुलाम जैसी फिल्मों में काम किया। लेकिन आशुतोष राणा को पहचान मिली फिल्म संघर्ष में निभाए अपने किरदार से। 1999 में आई इस फिल्म में आशुतोष राणा साल 2000 का बेस्ट निगेटिव रोल के लिए जी सिने अवॉर्ड और फिल्मीफेयर अवॉर्ड मिला था। हालांकि इससे पहले 1998 में आई फिल्म ‘दुश्मन’ से ही लोग उन्हें पहचानने लगे थे। इस फिल्म में उन्होंने साइको किलर की भूमिका निभाई थी।
OTT प्लेटफॉर्म पर दस्तक
इस फिल्म के बाद इंडस्ट्री में उनके जुझारू रवैये और शानदार एक्टिंग का लोहा माना जाने लगा। इसके बाद आशुतोष राणा ने बादल, राज, अनर्थ, हासिल, कलयुग, जिला गाजियाबाद, शोरगुल, सोनचिड़िया, वॉर और पगलैट जैसी कई शानदार फिल्मों में अभिनय किया है। हाल ही में उन्होंने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भी दस्तक दे दी है। वो हिस्टोरिकल ड्रामा सीरीज छत्रसाल में अहम किरदार निभाते दिख रहे हैं।
महेश भट्ट ने राणा को सेट से बाहर निकाल दिया था
आशुतोष राणा के बारे में एक और कहानी काफी प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि जब वे फिल्मों में करियर बनाने के लिए निर्माता-निर्देशक महेश भट्ट से मिलने गए तो उन्होंने भारतीय परंपरा के अनुसार उनका पांव छू लिया। इस बात से महेश भट्ट भड़क गए। क्योंकि उन्हें उन लोगों से नफरत था जो उनके पैर छूते थे। उन्होंने अपने सहयोगियों से कहकर आशुतोष राणा को फिल्म के सेट से बाहर निकलवा दिया।