नई दिल्ली। आपने कभी न कभी अपने बैंक खाते के माध्यम से ऑनलाइन मनी ट्रांसफर तो जरूर किया होगा। ट्रांसफर करते समय हमें सही खाता संख्या और IFSC कोड दर्ज करना होता है। खाता संख्या तो सभी बैंक अकाउंट का अलग-अलग होता है। इसलिए इसे डालना जरूरी होता है। लेकिन कभी आपने सोचा है IFSC (Indian Financial System Code) को इस्तेमाल क्यों किया जाता है और बैंक अकाउंट नंबर होने के बावजूद इसकी जरूरत क्यों पड़ती है?
क्या है IFSC कोड?
Indian Financial System Code या IFSC 11 डिजिट का अल्फा-न्यूमरिक कोड होता है, जो RBI (Reserve Bank of India) असाइन करता है। यह कोड हर बैंक की ब्रांच को दिया जाता है। यानी हर ब्रांच का यूनीक कोड होता है। IFSC का इस्तेमाल हम ऑनलाइन बैंकिंग (NEFT, IMPS और RTGS) में करते हैं। एक वैलिड IFSC के बिना हम इंटरनेट बैंकिंग या फंड ट्रांसफर नहीं कर सकते।
IFSC के लिए क्या करना पड़ता है?
आपके बैंक से आपको पासबुक और चेकबुक मिली होगी। अगर आप अपनी पासबुक का पहला पेज देखें तो उसपर यह IFSC लिखा होता है। इसके अलावा, चेकबुक की लीफ पर भी यह अंकित होता है।
अगर गलत IFSC कोड डाल दिया तो क्या होगा?
बता दें कि IFSC कोड विशेष रूप से बैंक की हर ब्रांच को मान्यता देता है, जो NEFT और RTGS में भाग ले रहा हो। 11 डिजिट के इस कोड के पहले 4 डिजिट बैंक को रिप्रेजेंट करते हैं। इसके बाद की डिजिट 0 होती है, जो भविष्य में उपयोग के लिए रिजर्व रखी जाती है। इसके बाद आखिरी के 6 डिजिट ब्रांच की पहचान होते हैं। जैसा कि मैंने पहले बताया कि हर बैंक के ब्रांच का अपना अलग-अलग IFSC कोड हाता है। आप जिसके अकाउंट में पैसे डालते हैं, उसमें अगर गलत कोड डाल दिया (जैसे SBI भोपाल की जगह SBI विदिशा का कोड डाल दिया) तो ट्रांजैक्शन हो जाएगा। अगर कोड के अक्षर में हेरफेर हो गया तो भी ट्रांजैक्शन होने की गुंजाइश है, लेकिन शर्त ये है कि अकाउंट नंबर और नाम ठीक हो। मुख्य रूप से बैंक अकाउंट नंबर देखते हैं।
दूसरे बैंक का IFSC कोड डालने पर क्या होगा?
अगर IFSC कोड में ब्लंडर हो जाए, मतलब SBI गाजियाबाद की जगह PNB गाजियाबाद का कोड डाल दिया जाता है तो संभव है कि आपका पैसा गलत अकाउंट में ट्रांसफर हो जाए। हालांकि यह तभी संभव है जब PNB में किसी भी कस्टमर का वही अकाउंट नंबर हो जो आपने SBI का डाला है। हालांकि इसकी संभावना कम होती है, लेकिन ऐसी संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है। अगर इस तरह की मैचिंग नहीं होती है तो ट्रांसफर कैंसल हो जाएगा।