भिंड। मध्य प्रदेश को हिन्दुस्तान का दिल भी कहा जाता है। इतिहास में यहां कई ऐसे फोर्ट्स का निर्माण हुआ जो सिर्फ भारती ही नहीं बल्कि विश्व भर में प्रसिद्ध हैं। इन वश्व प्रसिद्ध फोर्ट्स को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। इन्हीं फोर्ट्स में से एक है, अटेरी का किला। प्रदेश के इतिहास में इस किले का बेहद ही महत्व है। यह किला ऐतिहासिक होने के साथ-साथ कई अनसुनी कहानियों के लिए पूरे भारत में प्रसिद्ध है। आइए जानते हैं इस किले से जुड़ी दिलचस्प कहानी।
खूनी दरवाजा
अटेर का किला जिसे खूनी दरवाजा के नाम से नाम से भी जाना जाता है। किला मध्य प्रदेश के भिंड शहर से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर चंबल नदी के किनारे मौजूद है। इस किले को भदौरिया राजा बदन सिंह ने लगभग 1664 से 1668 के बीच बनवाया था। अटेर का किला कई किवदंती, कई किस्सों और न जाने कितने ही रहस्य को छुपाए हुए खड़ा दिखाई देता है। इस फोर्ट को हिन्दू और मुगल स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना भी माना जाता है।
क्या है कहानी
किले में सबसे चर्चित यहां का खूनी दरवाजा है। लोक कथाओं के अनुसार किले के अंदर एक दरवाजा है जहां से पूर्व में हर समय खून टपकता था। वहीं आज भी कई लोगों का मानना है कि खूनी दरवाजे का रंग लाल है। एक अन्य कहानी यह है कि उस समय के राजा लाल पत्थरों के बने दरवाजे के ऊपर भेड़ का सिर काटकर रख देते थे, और नीचे एक कटोरा रख दिया जाता था जिसमें खून टपकता था और राजा के गुप्तचर बर्तन से खून का तिलक लगाकर राजा को दुश्मनों से जुड़ी अहम सूचनाएं को देते थे।
महल अब खंडहर में बदल गया है
इस फोर्ट में मौजूद खूनी दरवाजा के साथ-साथ ऐसे कई और महल मौजूद है, जो बेहद ही प्रसिद्ध मानें जाते हैं। बदन सिंह का महल, हथियापोर, राजा का बंगला, रानी का बंगला, और बारह खंबा महल इस किले के मुख्य आकर्षण हैं। आज भी इन महल को देखने के लिए कई लोग पहुंचते हैं। हालांकि, वर्तमान में महल खंडहर के रूप में तब्दील हो चुके हैं।
इन जगहों पर भी घूमने के लिए जा सकते हैं
अटेर फोर्ट के आसपास कुछ ऐसी भी जगहें हैं जहां घूमने के लिए हर दिन हजारों लोग पहुंचते हैं। माता रेणुका मंदिर, वनखंडेश्वर मंदिर और बारानसो का जैन मंदिर आदि बेहतरीन जगहों पर भी घूमने के लिए जा सकते हैं। इसके अलावा भिंड से कुछ ही दूरी पर मौजूद ऐतिहासिक मल्हार राव होलकर की छतरी भी घूमने के लिए पहुंच सकते हैं।
नोट- यह लेख लोक कथाओं के अनुसार तैयार किया गया है, बंसल न्यूज इस तथ्य की पुष्टि नहीं करता है।