नई दिल्ली। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि केंद्र ने स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) से जुड़ी महिलाओं को प्रति वर्ष एक लाख रुपये कमाने में सक्षम बनाने के लिए एक पहल शुरू की है। महिलाओं की आर्थिक स्थिति बेहतर करने के उद्देश्य से मंत्रालय अगले दो वर्षों में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 2.5 करोड़ ग्रामीण महिलाओं को आजीविका सहायता भी प्रदान करेगा।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘एक लाख रुपये की वार्षिक आय के लक्ष्य को साकार करने के लिए घरेलू स्तर पर आजीविका गतिविधियों में विविधता लाने पर ध्यान दिया जाएगा।’’ मंत्रालय ने कहा कि देश भर में महिला स्वयं सहायता समूहों के विभिन्न मॉडलों के आधार पर राज्य सरकारों को एक विस्तृत सलाह जारी की गई है। बयान के अनुसार, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 7.7 करोड़ महिलाओं को 70 लाख एसएचजी में शामिल किया गया है। एसएचजी को सालाना 80,000 करोड़ रुपये की प्रारंभिक पूंजी की सहायता दी जा रही है।