नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बृहस्पतिवार को कहा कि देश के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निवेश के अपार अवसर हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि के कारण स्वास्थ्य को भारत के विकास से जोड़ा गया है।‘सीआईआई (भारतीय उद्योग परिसंघ) एशिया स्वास्थ्य 2021 सम्मेलन’ में मांडविया ने निजी क्षेत्र से भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निवेश करने की अपील की और कहा कि देश में अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य पर्यटन केंद्र बनने की ताकत है।
उन्होंने ‘बेहतर कल के लिए स्वास्थ्य सेवा में बदलाव’ विषय पर आधारित सम्मेलन में कहा, ‘‘पहले स्वास्थ्य का अर्थ केवल उपचार से था, लेकिन अब विकास को स्वास्थ्य से जोड़ दिया गया है। केवल एक स्वस्थ समाज ही समृद्ध देश बन सकता है और यही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मूल सोच है।’’उन्होंने कहा कि बीमारी की रोकथाम के उपाय करना स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए अहम है। उन्होंने कहा कि ‘खेलो इंडिया’ और योग जैसी पहल एक स्वस्थ समाज का लक्ष्य हासिल करने में अहम भूमिका निभाती हैं।
मंत्री ने कहा कि सरकार स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के बेहतर भविष्य के लिए पहुंच बढ़ाने, इसे किफायती बनाने, जवाबदेही बढ़ाने और जागरूकता पैदा करने को लेकर प्रतिबद्ध है और इन लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में पूरी लगन से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि भारतीय स्वास्थ्य क्षेत्र में निवेश के अपार अवसर हैं।मांडविया ने कहा कि सरकार ने स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत जन आरोग्य योजना, आयुष्मान स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र, प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी), आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) और प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन जैसी कई योजनाएं शुरू की हैं ताकि स्वास्थ्य सेवा को सुलभ और किफायती बनाया जा सके।
उन्होंने कहा कि सरकार ‘फ्रॉम टोकन टू टोटल हेल्थ’ ( स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र को लेकर ‘प्रतीकात्मक’ नहीं, बल्कि ‘समग्र’ दृष्टिकोण अपनाने) पर ध्यान केंद्रित कर रही है। मांडविया ने कहा कि प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन भी इसी प्रकार की एक पहल है, जिसकी शुरुआत 25 अक्टूबर को मोदी ने की थी। उन्होंने कहा कि यह पहल देश के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में बुनियादी ढांचे को मजबूत करने में मदद करेगी।
मंत्री ने प्रौद्योगिकी और स्वास्थ्य सेवा को आपस में जोड़ने की आवश्यकता रेखांकित करते हुए कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में नैनो और रोबोटिक जैसी नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने की जरूरत है और आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन ऐसी ही एक पहल है, जो जीवन को आसान बनाने के लिए डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र का इस्तेमाल करेगी।उन्होंने लोगों में जागरूकता पैदा करने के महत्व पर बल दिया और कोविड-19 महामारी के दौरान जागरूकता बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा शुरू की गई सफल पहलों पर प्रकाश डाला। उन्होंने जिक्र किया कि ‘दवाई भी कड़ाई भी’ और ‘दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी’ जैसी मुहिम ने लोगों को किस प्रकार जागरूक बनाया और संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद की।