नई दिल्ली। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने बुधवार को श्रद्धालुओं को राष्ट्रीय राजधानी के निर्धारित स्थानों पर सख्त कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ छठ पूजा करने की अनुमति दे दी। डीडीएमए राष्ट्रीय राजधानी में कोविड प्रबंधन के लिए नीतियों का निर्धारण करता है। डीडीएमए 30 सितंबर की बैठक के बाद यमुना नदी के तट, अन्य जलाशयों सहित दिल्ली में सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा मनाने पर रोक लगा दी थी। छठ पूजा पर रोक के फैसले का विपक्षी भाजपा और कांग्रेस ने विरोध किया था।
डीडीएमए की बैठक के बाद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘‘डीडीएमए ने दिल्ली के निर्धारित स्थानों पर छठ पूजा की अनुमति दे दी है। कोविड-19 नियमों के चलते सीमित संख्या में ही लोगों को पूजा करने की अनुमति दी जाएगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोगों से अनुरोध किया जाता है कि वे सभी कोविड-19 नियमों का अनुपालन करें और मास्क पहने…दिल्ली में कोविड-19 के हालात नियंत्रण में हैं लेकिन सतर्क रहने की जरूरत है।’’
सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा करने पर रोक का कांग्रेस और भाजपा द्वारा विरोध किए जाने की पृष्ठभूमि में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस महीने की शुरुआत में उपराज्यपाल अनिल बैजल से डीडीएमए की बैठक बुलाने और सार्वजनिक स्थलों पर छठ पूजा की अनुमति देने का आह्वान किया था।
गौरतलब है कि छठ पूजा बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग दिवाली के छठे दिन मनाते हैं और इस दौरान व्रती पानी में खड़े होकर पहले डूबते सूर्य को और बाद में उगते सूर्य को ‘अर्घ्य’ देते हैं। इससे पहले दिन में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बुराड़ी के इब्राहिमपुर गांव में उन लोगों के लिए विशेष टीकाकरण अभियान शुरू किया जो छठ का व्रत रखने वाले हैं। इस मौके पर उनके साथ राष्ट्रीय राजधानी में भाजपा के पूर्वांचली चेहरा मनोज तिवारी भी थे।