नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को यहां के अधिकारियों से कहा कि त्यौहारों के इस मौसम में बाजारों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए निर्धारित दिशानिर्देशों और प्रोटोकॉल का पूरी ईमानदारी से पालन किया जाना चाहिए। उच्च न्यायालय ने यह आदेश राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न बाजारों में कोविड-19 प्रोटोकॉल के उल्लंघन पर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान दिया।
उच्च न्यायालय ने कहा कि वह कोविड-19 मानदंडों के उल्लंघन के लिए लोगों से जुर्माना वसूलते नहीं देखना चाहता, लेकिन वह चाहता है कि अधिकारियों द्वारा भीड़ का प्रबंधन अच्छी तरह से किया जा रहा हो। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की एक पीठ ने कहा, ‘‘हम प्रतिवादियों (केंद्र, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस) से उम्मीद करते हैं कि त्यौहारों के इस मौसम में बाजारों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए इन दिशानिर्देशों, मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) और कोविड उपयुक्त व्यवहार का पूरी ईमानदारी से पालन किया जाएगा।’’
पीठ ने कहा कि अधिकारियों द्वारा अपनी संबंधित स्थिति रिपोर्ट में उल्लेखित सभी कदम उठाए जाने चाहिए और 30 नवंबर को सुनवाई की अगली तारीख से पहले उनके द्वारा आगे की स्थिति रिपोर्ट दाखिल की जानी चाहिए। पीठ ने दोनों सरकारों के वकील से कहा, ‘‘आपके दिशानिर्देशों, एसओपी और प्रोटोकॉल का बहुत ईमानदारी से पालन किया जाना चाहिए। देखिए यह त्यौहारों का मौसम है। सख्त अनुपालन की आवश्यकता है।’’
अदालत ने कहा कि वह मामले को लंबित रख रही है क्योंकि वह देखना चाहती है कि अधिकारी स्थिति को कैसे नियंत्रित कर रहे हैं। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा और स्थायी वकील अनिल सोनी ने केंद्र का प्रतिनिधित्व किया। दिल्ली सरकार के वकील ने बताया कि उन्होंने समय पर उचित दिशानिर्देश जारी किए हैं और उन बाजारों को बंद भी कर दिया है, जहां यह पाया गया कि प्रोटोकॉल का ठीक से पालन नहीं किया जा रहा था। इस पर, अदालत ने कहा कि अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन किया जाए, जिनका मसौदा तैयार किया गया है।