नई दिल्ली। 67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार समारोह का आयोजन सोमवार को दिल्ली के विज्ञान भवन में किया गया। इस दौरान उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू (M. Venkaiah Naidu) ने सभी विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया । बतादें कि इस बार सिनेमा जगत का सर्वोच्च पुरस्कार ‘दादासाहेब फाल्के पुरस्कार’ (Dadasaheb Phalke Award) दिग्गज कलाकार रजनीकांत (Rajinikanth) को दिया गया है। बतादें कि इस अवॉर्ड्स के विजेताओं की घोषणा इसी साल 22 मार्च को की गई थी। दादासाहेब फाल्के पुरस्कार के अलावा भारतीय सिनेमा जगत में राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार (National Film Award) को काफी अहम माना जाता है। आइए जानते हैं कि इन पुरस्कारों के लिए किस तरह से अभिनेता और अभिनेत्रियों का चयन किया जाता है और उन्हें इस दौरान क्या-क्या दिया जाता है।
किसे-किसे मिला अवॉर्ड
सबसे पहले यह जान लेते हैं कि 67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में किसे क्या पुरस्कार मिला। दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) स्टार्र फिल्म ‘छिछोरे’ को इस बार बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड दिया गया है। वहीं बॉलीवुड अभिनेता ‘मनोज बाजपेयी’ (Manoj Bajpayee) और साउथ के सुपरस्टार ‘धनुष’ को बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड दिया दिया गया है। वहीं, अभिनेत्री कंगना रनौत को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के पुरस्कार से नवाजा गया है। गौरतलब है कि कंगना रनौत को चौथी बार नेशनल अवॉर्ड मिला है। अभिनेता अक्षय कुमार की फिल्म ‘केसरी’ के सुपरहिट सॉन्ग तेरी मिट्टी के लिए बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर का अवॉर्ड गायक बी प्राक को मिला है।
कौन करता है अवॉर्ड सेरेमनी का आयोजन?
इस अवॉर्ड सेरेमनी का आयोजन भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय की ओर से किया जाता है। मंत्रालय की एक विंग डायरेक्ट्रेट ऑफ फिल्म फेस्टिवल की ओर से इसका आयोजन किया जाता है और डीएफएफ ही राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और दादा साहेब फाल्के पुरस्कार का काम देखता है। हालांकि, पिछले साल केंद्र सरकार ने फिल्म्स डिवीजन, फिल्म समारोह निदेशालय, भारत के राष्ट्रीय फिल्म अभिलेखागार और चिल्ड्रन्स फिल्म सोसाइटी को मिलाकर एक संस्था राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम बनाने की मंजूरी दी थी।
कैसे किया जाता है विजेताओं का चयन?
इन अवॉर्ड्स के लिए पहले फिल्म निर्माताओं से प्रविष्टियां मांगी जाती हैं। इसके बाद सरकार की ओर से दोनों अवॉर्ड्स के लिए अलग-अलग ज्यूरी का गठन किया जाता है। ज्यूरी सभी फिल्मों को देखती हैं और हर कैटेगरी के आधार पर कालाकारों और फिल्मों का चयन किया जाता है। इसमें 90 के करीब अवॉर्ड होते है, जो अलग-अलग कैटेगरी में दिए जाते हैं। इनमें फिल्मों और कलाकारों दोनों का चयन होता है। ज्यूरी की ओर से चयन प्रक्रिया को पूर्ण रूप से गोपनीय रखा जाता है और पूरी स्वतंत्रता, निष्पक्षता के साथ विजेताओं का चयन किया जाता है। वैसे तो इस अवॉर्ड को राष्ट्रपति के द्वारा दिया जाता है। लेकिन पिछले कुछ वर्षों से इसे उप राष्ट्रपति या सूचना प्रसारण मंत्री दे रहे हैं। आपको बता दें कि कुछ साल पहले राष्ट्रपति द्वारा यह पुरस्कार नहीं दिए जाने पर काफी बवाल भी हुआ था। इस बार इन पुरस्कारों को वितरण उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने किया है।
पुरस्कार के साथ और क्या दिया जाता है?
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में हर कैटेगरी के आधार पर अलग-अलग अवॉर्ड दिया जाता है, जिन्हें रजल कमल, स्वर्ण कमल आदि नाम से दिया जाता है। वहीं कुछ अवॉर्ड में नकद पुरस्कार भी दिया जाता है। जबकि कुछ कैटेगरी में सिर्फ मेडल ही दिया जाता है। बात करें दादा साहेब पाल्के पुरस्कार की तो इसमें पुरस्कार स्वरूप स्वर्ण कमल, 10 लाख रूपये, प्रशस्ति पत्र और शॉल प्रदान किया जाता है। जबकि सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म विनर को स्वर्ण कमल और ढाई लाख रूपये दिए जाते है। वहीं कई कैटेगरी में रजत कमल और डेढ़ लाख रूपये दिए जाते हैं। कई फिल्मों में एक लाख रूपये भी दिए जाते हैं।