जम्मू। विस्थापित कश्मीरी पंडितों के तीन संगठनों के प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और कश्मीर घाटी में प्रधानमंत्री के विशेष भर्ती कार्यक्रम के तहत भर्ती किए गए समुदाय के प्रवासी कर्मचारियों के लिए दो बेडरूम के क्वार्टर के निर्माण के अलावा उनके लिए सुरक्षा और बीमा कवरेज की मांग की। प्रतिनिधिमंडल ने विस्थापितों के लिए एक शीर्ष समिति और एक कल्याण बोर्ड के गठन की भी मांग की।
अधिकारियों ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जम्मू कश्मीर इकाई के प्रवक्ता और पूर्व विधायक जी एल रैना के नेतृत्व में सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने यहां राजभवन में शाह से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्य सचिव और अपनी पार्टी के नेता विजय बकाया, यूथ ऑल इंडिया कश्मीरी समाज (वाईएआईकेएस) के प्रमुख आर के भट्ट, ऑल इंडिया कश्मीरी समाज (एआईकेएस) के नेता ए के रैना और कश्मीरी पंडित सभा (केपीएस) के प्रमुख के के खोसा शामिल थे।
जम्मू में भारत की सीमा के अंतिम गाँव मकवाल में जाकर ग्रामवासियों का हाल जाना। देश के संसाधनों पर जितना हक राजधानी में रहने वाले एक नागरिक का है उतना ही सरहद के गाँव में रहने वाले नागरिक का भी है। मोदीजी के नेतृत्व में हम बॉर्डर तक हर सुविधा व विकास पहुँचाने के लिए कटिबद्ध हैं। pic.twitter.com/pATCehK8iB
— Amit Shah (@AmitShah) October 24, 2021
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने घाटी में गैर प्रवासी कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के लिए सुरक्षा, दूर-दराज के क्षेत्रों से ऐसे कर्मचारियों को पास के सुरक्षित क्षेत्रों में स्थानांतरित करने और उनके लिए एक व्यापक बीमा पैकेज की मांग की। घाटी में 2010 से अब तक प्रधानमंत्री के विशेष भर्ती पैकेज के तहत करीब 3,000 कश्मीरी पंडित कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि प्रतिनिधिमंडल ने मंदिरों की सुरक्षा और कश्मीरी पंडितों के लिए एक कल्याण बोर्ड के गठन की भी मांग की।
शाह ने हाल में श्रीनगर में आतंकवादियों के हमले के शिकार शिक्षक दीपक चंद की पत्नी और भाई से भी मुलाकात की। केंद्रीय गृह मंत्री ने मृतक के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और उन्हें केंद्र से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। शाह ने गुर्जर-बकरवाल और पहाड़ी समुदायों के प्रतिनिधिमंडलों से भी मुलाकात की।