नई दिल्ली। ओलंपिक कांस्य पदक विजेता हॉकी खिलाड़ी रुपिंदर पाल सिंह और बीरेन्द्र लाकड़ा ने शनिवार को कहा कि संन्यास लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिली प्रशंसा से वे अभिभूत हैं। दोनों ने खेलों के लिए प्रधानमंत्री की जुनून से प्रेरित होकर खेल को कुछ वापस देने का संकल्प लिया है।
रुपिंदर ने मोदी , प्रधानमंत्री कार्यालय और खेल मंत्री अनुराग ठाकुर को टैग करते हुए शनिवार को ट्वीट किया, ‘‘ माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का यह पत्र पाकर अभिभूत हूं। खिलाड़ियों को उनके निरंतर समर्थन ने हमें टोक्यो 2020 में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रेरित किया है। महोदय, मैं खेल के प्रति आपके जुनून और भारतीय खेलों में अपना योगदान जारी रखने की प्रतिज्ञा से प्रेरित हूं। ’’
Overwhelmed to receive this letter from our Hon'ble PM @narendramodi ji. His constant support to athletes has motivated us to do our best at Tokyo2020. Sir, I am inspired by your passion for sport and pledge to continue my contribution to Indian sports. @PMOIndia @ianuragthakur pic.twitter.com/ZtPI7WRlv4
— Rupinder Pal Singg (@rupinderbob3) October 23, 2021
लाकड़ा ने लिखा, ‘‘हम खिलाड़ी खेल के लिए अपना जीवन न्योछावर कर देते हैं और जब देश के माननीय प्रधानमंत्री इस बात को स्वीकार करते हैं, तो ऐसा लगता है कि हमने राष्ट्र निर्माण के लिए वास्तव में अपना योगदान दिया है।’’उन्होंने कहा, ‘‘ आदरणीय नरेंद्र मोदी जी को उनके स्नेहपूर्ण भाव के लिए हृदय से धन्यवाद। टोक्यो 2020 के बाद आपके साथ बातचीत में बिताया गया समय हमेशा यादगार रहेगा।’’
लाकड़ा ने कहा कि सरकार की आजादी का अमृत महोत्सव पहल के तहत 75 स्कूलों का दौरा करने के मोदी के सुझाव का पालन करना उनकी प्राथमिकता होगी। रुपिंदर और लाकड़ा ने 30 सितंबर को खेल से संन्यास की घोषणा की थी । मोदी ने इसके बाद इस महीने की शुरुआत में स्टार ड्रैग फ्लिकर रुपिंदर और डिफेंडर लाकड़ा को भारतीय हॉकी में उनकी सेवाओं के लिए धन्यवाद देते हुए एक पत्र भेजा था। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय टीम के कांस्य पदक जीतने में अहम भूमिका निभाने वाले इन दोनों खिलाड़ियों ने टीम में युवाओं को मौका देने के लिए संन्यास की घोषणा की थी।
मोदी ने रुपिंदर को भेजे प्रशंसा पत्र में कहा कि रुपिंदर पिछले एक दशक से भारतीय हॉकी के लिए प्रेरणा स्रोत रहे हैं और उन्होंने देश में इस खेल को फिर से लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मोदी ने 12 अक्टूबर को भेजे अपने पत्र में लिखा, ‘‘आपने भारतीय हॉकी के लिए जो कुछ किया है उसके लिए मैं आपको व्यक्तिगत रूप से धन्यवाद देना चाहता हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मैं कहना चाहूंगा कि मैदान पर आपका जादुई खेल भारत के लोगों की शानदार यादों में होगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ आप भारतीय हॉकी टीम के लिए मजबूती के स्रोत रहे हैं और 2010 से भारत द्वारा जीते गए हर बड़े टूर्नामेंट के अभिन्न अंग रहे हैं, जैसे एशियाई पुरुष हॉकी चैंपियनशिप, पुरुष हॉकी एशिया कप, राष्ट्रमंडल खेल, हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल और बहुत कुछ।प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ टोक्यो ओलंपिक में आपका प्रदर्शन टीम की ऐतिहासिक सफलता के लिए महत्वपूर्ण था।’’ उन्होंने टोक्यो के कांस्य पदक को भारतीय हॉकी का ‘ऐतिहसिक क्षण’ करार दिया।
प्रधानमंत्री कहा, ‘‘ इस पदक का असर सिर्फ ओलंपिक तक ही सीमित नहीं रहेगा। यह भारत हॉकी के पुनर्जन्म में योगदान देगा।’’ मोदी ने रुपिंदर से अगस्त 2023 तक पूरे भारत के विभिन्न स्कूलों में जाकर अमृत महोत्सव में अपनी भूमिका निभाने का अनुरोध किया और कुपोषण को समाप्त करने के साथ-साथ खेलों को लोकप्रिय बनाने के तरीकों पर युवाओं के साथ बातचीत करने की सलाह दी।मोदी ने लिखा, ‘‘यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक महान सेवा होगी।’’ मोदी ने लाकड़ा को लिखे अपने पत्र में ‘भारतीय हॉकी में अमिट योगदान’ के लिए इस डिफेंडर का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने लिखा, ‘‘ खिलाड़ियों की आने वाली पीढ़ी आपसे एक चीज सीख सकती है, वह है जज्बातों को बनाये रखना। चोट लगने के कारण जब आप रियो ओलंपिक जाने वाली टीम का हिस्सा नहीं बन सके तो कोई सोच भी नहीं सकता कि आपको कैसा महसूस हुआ होगा। आप सफलतापूर्वक उस निराशा को पीछे छोड़कर टोक्यो पहुंच गये और इस तरह उस इतिहास का हिस्सा बने, जो वहां लिखा गया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं उस दर्द को महसूस कर सकता हूं, जब आपने अपनी पोस्ट में लिखा था कि अपने साथियों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा नहीं करने के विचार अकल्पनीय हैं, लेकिन मुझे विश्वास है कि आप इस खूबसूरत खेल से जुड़े रहेंगे और खिलाड़ियों की आने वाली पीढ़ियों को प्रोत्साहित करेंगे।’’