जबलपुर। मध्य प्रदेश पुलिस के आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) की टीमों ने आदिम जाति कल्याण विभाग से सेवानिवृत्त एक अधिकारी के जबलपुर एवं मंडला स्थित ठिकानों पर बृहस्पतिवार को एक साथ छापे मारे और कथित रूप से उसकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति बरामद की। ईओडब्ल्यू जबलपुर के पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र सिंह राजपूत ने बताया कि मध्य प्रदेश आदिम जाति कल्याण विभाग से सेवानिवृत्त अधिकारी नागेन्द्र यादव के पास आय से अधिक संपत्ति होने की शिकायत मिली थी, जिस पर उनके जबलपुर एवं मंडला स्थित आवास पर बृहस्पतिवार को छापे मारे गये। अभी यह कार्रवाई जारी है। उन्होंने कहा कि उनके पास से ज्ञात आय के स्रोतों से कई गुना अधिक संपत्ति बरामद की गई है। राजपूत ने बताया कि यादव के घर से मिले दस्तावेजों के अनुसार उनके मंडला में दो मकान और जबलपुर एवं भोपाल में एक-एक मकान है। इसके अलावा, उनका मंडला में एक व्यवसायिक कॉम्पलेक्स और छह एकड़ कृषि भूमि भी है। इसके अलावा, यादव और उसके परिजनों के नाम विभिन्न बैंकों में खाते होने की जानकारी जांच एजेंसी को मिली है, जिसकी जांच पड़ताल की जा रही है। उनके पास एक स्कार्पियो एसयूवी व दो दोपहिया वाहन होने की भी जानकारी मिली है। राजपूत ने बताया कि यादव आदिम जाति कल्याण विभाग में 1990 में नियुक्त हुआ था और इसके बाद वह विकासखंड शिक्षा अधिकारी पद पर रहे। बाद में वह मंडला जिले के घुघुरी जनपद पंचायत का मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) और सिवनी जिले के घंसोर जनपद पंचायत का सीईओ भी रहे। वह पिछले साल सेवानिवृत्त हुए थे।
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