नई दिल्ली। कभी—कभी बच्चे Child Care अपनी बाते मां से कह नहीं पाते। उन्हें समझ नहीं आता कि हो क्या रहा है। ऐसे में अगर सिरदर्द की बात करें तो बच्चों को समझ ही नहीं आता कि ये होता क्या है। पर इस कंडीशन में आपको समझना होगा कि बच्चों में कहीं सिरदर्द की समस्या तो नहीं आ रही है। अत: ऐसे समय पर आपको सजगता बढ़ानी होगी। आइए जानते है। कि सिरदद के क्या कारण हो सकते हैं।
कोरोना के चलते होने वाली आनलाइन क्लासेस और आउट डोर गेम की कमी के चलते बच्चों का स्क्रीनिंग टाइम बढ़ता जा रहा है।
बच्चे अपनी बात को ठीक से कह नहीं पाते, इसलिए आपको उनकी समस्याओं को सजगता से समझना होगा। अगर आपके बच्चे को भी ये समस्या है तो जानिए संभावित वजह, लक्षण और बचाव के तरीके।
लेकिन आज के समय में छोटे छोटे बच्चों पर इतना लोड है कि कम उम्र में ही मोटा चश्मा आंखों पर चढ़ जाता है. गलत खानपान और फिजिकल एक्टिविटीज न के बराबर होने की वजह से मोटापा बढ़ जाता है. घंटों टीवी व मोबाइल फोन पर चिपके रहने की वजह से स्ट्रेस और सिर में दर्द की समस्या होने लगी है. अगर ये कभी कभार की समस्या है तो ये स्ट्रेस की वजह से भी हो सकती है, लेकिन अगर सिर में दर्द की शिकायत बच्चे अक्सर करते हैं तो आपको इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है.
ये हो सकती है वजह
अगर बच्चों में सिरदर्द होता है तो आपको इसके कारणों को समझना होगा।हो सकता है इसके पीछे की वजह सिर में चोट लगना, सर्दी, खांसी, जुकाम की वजह, खानपान व गलत लाइफस्टाइल, आईसाइट, माइग्रेन, ज्यादा तनाव लेना हो। यहां तक कि ब्रेन ट्यूमर, फोड़ा व मस्तिष्क में रक्तस्राव होने के कारण भी ये परेशानी हो सकती हैं। अत: आपको इसे नरजअंदाज नहीं करना है। बल्कि इसके कारणों को पता करना है।
ये लक्षण आ सकते हैं सामने
– आंखों से सामने धुंधला दिखाई देना।
– अगर आपको जरूरत से ज्यादा पसीना आता है तो इसे नजरअंदाज नहीं करना है।
– कभी—कभी तेज आवाज सुनकर गुस्सा आने पर भी सिरदर्द होने लगता है।
– छींकने या खांसने के दौरान भी सिरदर्द की समस्या आने लगती है।
– कभी—कभी होता ये है कि गुस्सा और चिड़चिड़ापन होने पर भी सिरदर्द होते है।
– नींद से जगाने के तुरंत बाद भी सिरदर्द होने लगता है।
– सिरदर्द के साथ चक्कर, उल्टी, मितली आने की शिकायत भी होने लगती है।
समस्या होने पर सबसे पहले क्या करें —
विशेषज्ञ से करें संपर्क –
बच्चे को सिरदर्द की शिकायत होने पर बिना किसी देरी चिकित्स के पास जाकर जरूरी जांचें कराएं। डाक्टर्स द्वारा सुझाई गई जांचों के आधार पर ही तुरंत इलाज भी शुरू कर दें।
आंखें टेस्ट करवाएं —
कोविड के चलते बच्चों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। आउट डोर गेम कम हो जाने के चलते बच्चों का ज्यादातर समय मोबाइल, लैपटॉप और टीवी पर ही बीतता है। ऐसे में बच्चों की आंखों की रोशनी भी प्रभावित होने लगी है। अगर आपका बच्चा ठीक से न देख पाने की शिकायत करता है तो बिना किसी देरी के उसकी आंखों की जांच करवाएं। कई बार नजर कमजोर होने पर भी सिर दर्द की शिकायत होने लगती है। चश्मा लगा होने पर उसका नंबर कम—बढ़ होने की भी शिकायत हो सकती है।
बदलनी होगी दिनचर्या —
खराब लाइफस्टाइल भी सिरदर्द की समस्या को बढ़ाता है। इसलिए इस बात का ध्यान रखें के बच्चों के भोजन में हरी सब्जियां, फल, दूध, पनीर आदि चीजें खाने की आदत जरूर डालें। बाहरी फूड, शुगरी ड्रिंक से परहेज करना चाहिए। इसके अलावा बच्चों की फिजिकल एक्टिविटी पर जरूर ध्यान देना होगा। एक निश्चित समय के लिए मोबाइल और टीवी का उपयोग करें। अगर बच्चों की नींद पूरी नहीं होती है तो भी उन्हें सिरदर्द की समस्या होने लगती है। अत: इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा।