उज्जैन। भगवान शिव के प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर को पिछले साढ़े तीन महीने में श्रद्धालुओं द्वारा 23 करोड़ रुपए से अधिक भेंट अर्पित की गई है। एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। महाकालेश्वर मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और इस मंदिर की सभी व्यवस्था जिलाधिकारी की अध्यक्षता में महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा श्रद्धालुओं द्वारा दी जाने वाली दान से संचालित की जाती है। महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश धाकड़ ने बताया कि मंदिर प्रबंध समिति को 28 जून से 15 अक्टूबर तक विभिन्न स्रोतों से 23,03,54,538 रुपये की कुल राशि प्राप्त हुई है, जिनमें मंदिर के शीघ्रदर्शन हेतु टिकट, लड्डू प्रसाद की बिक्री से हुई आय, भेंट पेटी, अभिषेक व भेंट से प्राप्त राशि, भस्मार्ती बुकिंग एवं अन्य विविध आय शामिल हैं। उन्होंने कहा कि महाकालेश्वर मंदिर कोविड-19 के कारण पिछले साल लगाये गये लॉकडाउन बाद 28 जून 2021 से श्रद्धालुओं के लिए फिर से खोला गया।
लड्डू बिक्री से मिले 8 करोड़ रुपए
धाकड़ ने बताया कि लड्डू प्रसाद की बिक्री से प्राप्त राशि 8.20 करोड़ रुपये है, जबकि मंदिर के शीघ्र दर्शन के लिए टिकट से 7.53 करोड़ रुपये एवं भेंट पेटियों से प्राप्त राशि 5.66 करोड़ रुपये शामिल हैं। उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर इस अवधि (28 जून से 15 अक्टूबर) में लड्डू प्रसाद निर्माण में लागत, कर्मचारियों के वेतन-भत्ते, साफ-सफाई एवं सुरक्षा व्यय, विद्युत-दूरभाष देयक, रखरखाव, दर्शन व्यवस्था व्यय आदि पर 17.66 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। उन्होंने कहा कि लड्डू प्रसाद निर्माण में लागत में 9.47 करोड़ रुपये लागत आई है, जबकि इसकी बिक्री से मात्र 8.20 करोड रुपये मिले हैं। धाकड़ ने बताया कि महाकालेश्वर मंदिर को कोविड काल के पश्चात 5.37 करोड़ रुपये की अनुमानित बचत हुई है। उन्होंने कहा कि महाकालेश्वर मंदिर की सभी व्यवस्थाएं दान राशि से संचालित होती है। श्रद्धालुओं हेतु समुचित व्यवस्था व सुविधाओं के दृष्टिगत मंदिर का विकास किया जा रहा है। उन्होंने श्रद्धालुओं से मंदिर में अधिक से अधिक सहयोग करने का आग्रह किया है।