मैनपाट। ढलान की ओर बहते पानी को आपने हमेशा देखा होगा, लेकिन छत्तीसगढ़ के सरगुजा में एक ऐसी जगह है। जहां प्रकृति का एक अलग ही करिश्मा है। यहां की घटनाएं प्रकृति के नियमों को भी चुनौती देती हैं। दरअसल, हम बात कर रहे हैं मैनपाट के उल्टापानी की । यहां पानी की एक धारा ढलान की ओर नहीं बल्कि विपरीत दिशा में यानी ऊंचाई की ओर बहती है।
दूर-दूर से लोग देखने पहुंचते हैं
इस जगह को देखने के लिए लोग दूर-दूर से मैनपाट पहुंचते हैं। आपको बता दें कि मैनपाट को छत्तीसगढ़ का शिमला भी कहा जाता है। यहां का प्राकृतिक सौंदर्य देखते ही बनता है। जब आप उल्टा पानी जाएंगे तो यहां पानी के साथ-साथ गाड़ियां भी ढलान की ओर ना जाकर उंचाई की ओर जाती दिखेगीं। जैसे ही आप गाड़ी को न्यूट्रल मोड में डालकर खड़ा करेंगे, आपको अपनी आंखों पर विश्वास नहीं होगा। कार अपने आप ऊपर की ओर जाती दिखाई देगी।
Another beautiful jewel in the crown of #SuperbSurguja
Located in the hills of Mainpat is "ulta pani" Here, defying gravity water flows upstream. It's a mystic site where I have always found bliss and peace.@SurgujaDist pic.twitter.com/Itnia8mpPh— Aadityeshwar Saran Singh Deo (@aadi_surguja) February 7, 2021
इसके पीछे का कारण
विशेषज्ञ इस जमीन का मैग्रेटिक फील्ड मानते हैं। उनका कहना है कि पानी का उल्टा बहना और गाड़ियों का ऊंचाईयों की ओर बढ़ना मैग्नेटिक इफैक्ट के कारण हो सकता है। हालांकि शोध के अभाव में अब तक इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। विज्ञान को मानने वाले अपने अनुभव के आधार पर बता रहे हैं कि इसके पीछे दो कारण हो सकते हैं। पहला ऑप्टिकल इल्यूजन और दूसरा मैग्नेटिक फील्ड।
कहीं आंखों का धोखा तो नहीं?
मैग्नेटिक फील्ड की बात कुछ हद तक सच भी दिखता है। क्योंकि मैनपाट ज्वालामुखी से निर्मित पहाड़ है। इसलिए संभावना है कि यह एक मैग्नेटिक फील्ड हो सकता है। पानी की विपरीत दिशा में अधिक चुंबकीय बल के कारण गुरुत्वाकर्षण बल विपरीत गति का कारण बन सकता है। वहीं कुछ लोग इसे ऑप्टिकल इल्यूजन मानते हैं। आसान भाषा में कहें तो जिस जमीन को हम अपनी आंखों से चढ़ाई के रूप में देख रहे हैं, वह वास्तव में एक ढलान है। क्योंकि जमीन का छोटा सा हिस्सा ऐसा दिखता है जैसे वहां ऊंचाई है और पानी या गाड़ियां ऊंचाई की ओर जाती हैं, लेकिन जैसे ही हम क्षितिज से उस जमीन को नापते हैं, तो हमें पता चलता है कि असल में पानी चढ़ाई की ओर नहीं बल्कि ढलान की ओर जा रही है। ये बस आंखो का धोखा होता है।