नई दिल्ली। दिनों दिन बढ़ती LPG cylinder Subsidy महंगाई लोगों की कमर तोड़ रही है। बढ़ते पेट्रोल के दाम घर के बाहर लोगों की गाड़ी पर ब्रेक लगा रहे हैं तो वहीं गैस सिलेंडरों की कीमतों में होती वृद्धि गृहणियों का बजट बिगाड़ रही हैं। उस पर से इस पर मिलने वाली सब्सिडी न मिलने से लोगों का दिमाग खराब कर दिया है। इसे लेकर सरकार फिर से कुछ योजनाएं बना रही है। हालांकि इस पर अभी कुछ साफ नहीं किया जा रहा है। आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assessment) के आधार पर मानें तो परंतु सरकार की ऐसा योजना है कि इस सब्सिडी का लाभ उज्जवला योजना (Ujjwala Scheme) के लाभार्थियों को सब्सिडी का लाभ मिलेगा।
इतना ही नहीं बाकी लोगों के लिए यह सब्सिडी खत्म की जा सकती है। यानि कुल मिलाकर बात यह सामने आ सकती है कि आम आमदी को एक रसोई गैस सिलेंडर पर 1000 रुपए चुकाने पड़ सकते हैं। आपको बता दें कि यह योजना 2016 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को एलपीजी कनेक्शन (LPG connection) प्रदान करने के लिए शुरू की गई थी। कई बार चर्चा के बाद भी सरकार अभी तक इस पर कोई तय प्लान नहीं बना पाई है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सरकार दो विकल्प अपना सकती है। जिसमें या तो वह बिना सब्सिडी के सिलेंडर सप्लाई करे या फिर कुछ ग्राहकों को सब्सिडी का लाभ दे।
लेना पड़ सकता है 1000 रुपए का सिलेंडर
इस मुद्दे पर सरकार द्वारा कुछ साफ नहीं कहा जा रहा है। जानकारी के अनुसार फिलहाल 10 लाख रुपये इनकम के नियम को लागू रखा जा सकता है। करीब 8.8 करोड़ उज्जवला योजना (Ujjwala Scheme) के तहत कनेक्शन धारियों को इसका लाभ मिल सकता है। इसके लावा बाकी लोगों के लिए सब्सिडी खत्म हो सकती है। यानि इस दायरें से बाहर वालों को सीधे तौर पर 1000 रुपए एक सिलेंडर के लिए चुकाने पड़ सकते हैं। आपको बता दें कि वर्ष 2016 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा यह योजना गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों को एलपीजी कनेक्शन (LPG connection) प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। जिसके तहत भारत में करीब 29 करोड़ से अधिक के पास एलपीजी कनेक्शन दिए गए थे। इन कुल 29 करोड़ में से करीब 8.8 एलपीजी कनेक्शन तो उज्जवला योजना के हैं।
आप भी जान लें सब्सिडी का गणित
कोविड के कारण साल 2020 में लॉकडाउन के समय कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आने के कारण भारत सरकार को काफी मदद मिली। इसके बाद मई 2020 में सब्सिडी बंद कर दी गई। सरकार के सब्सिडी पर किए गए खर्च की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2020 में जो खर्च 24,468 करोड़ रुपये का था वह 2021 में 3,559 करोड़ रुपये हो गया। दरअसल ये सब जनवरी 2015 में शुरू की गई डीबीटी स्कीम के अंतर्गत आता है। जिसमें उपभोक्ता को गैर सब्सिडी एलपीजी सिलेंडर का पूरा पैसा चुकाना होता है। जबकि सरकार की तरफ से सब्सिडी का पैसा ग्राहक के बैंक खाते में रिफंड कर दिया जाता है। यह रिफंड डायरेक्ट होने के कारण इसका नाम DBTL रखा गया है।