नई दिल्ली। एक तरफ कम होते कोरोना Corona Test के केस राहत महसूस करा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर बदलता मौसम हर तरफ गले की खरास, सर्दी के साथ—साथ बुखार ला रहा है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या हमें इस समय होने वाली सर्दी खांसी में कोरोना टेस्ट कराना चाहिए या नहीं। आइए जानते हैं कि ऐसे में डॉक्टर्स का क्या कहना है। उनके हिसाब से आपको कब कोरोना टेस्ट कराना चाहिए।
इस कंडीशन में कराएं टेस्ट
डाक्टरों की मानें तो अभी हम पूरी तरह वैक्सीनेटेड हो चुके हैं तो इस कंडीशन में घबराने की जरूरत नहीं है। यदि आपको बुखार की समस्या लंबे समय तक बनी रहती तो ऐसी कंडीशन में आपको टेस्ट कराना उचित होता है। इतना ही नहीं अगर आपकी सूंघने व टेस्ट इफेक्ट चला गया है तो ऐसे में आपको बिना रुकावट के टेस्ट जरूर कराएं।
संपर्क पर जरूर कराएं टेस्ट
इस बदलते मौसम में डेंगू, मलेरिया और फ्लू के केसेस ज्यादा बढ़ रहे हैं। ऐसे में घबराने की जरूरत नहीं है। इसका मतलब यह नहीं है कि आपको कोरोना हुआ है। अगर आपको ये संदेह है कि आप किसी कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में आए हैं तो इस कंडीशन में आप कोविड टेस्ट जरूर करवाएं। घर पर रहने की स्थिति में मच्छर से कारण बुखार आने की संभावना अधिक होती है। अगर आपको सांस लेने में तकलीफ के साथ—साथ लॉस ऑफ समेल-टेस्ट या छाती में दर्द की शिकायत नहीं है तो ऐसे में डरने की जरूरत नहीं हैं। ये सब होने की स्थिति में कोविड टेस्ट करवाएं।
चिकित्सकों की मानें तो यह समझना महत्वपूर्ण है कि जब मौसम बदलता है तो इन्फ्लूएंजा (सामान्य सर्दी) और बुखार बहुत आम हैं। बढ़ते प्रदूषण के कारण इस समय हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर भी सामान्य बीमारियों को बढ़ा देते हैं। किसी व्यक्ति को कोरोना का टेस्ट करवाना चाहिए या नहीं करवाना चाहिए। ये कई बातों पर निर्भर करता है। चूंकि कोरोना खत्म नहीं हुआ है इसलिए सतर्क रहने की आवश्यकता तो है। इस स्थिति में टेस्ट करवाना भी अहम हो जाता है। 4 से 5 दिन बुखार होने की स्थिति में टेस्ट करवा लेना चाहिए। एक—दो दिन के सामान्य बुखार के लिए जेनेरिक दवाइयां जैसे पैरासिटामोल व एंटी-एलर्जी ली जा सकती हैं। परंतु इसके लिए अपनी मेडिकल हिस्ट्री का ध्यान जरूर रखें।