नई दिल्ली। अगर आपके पास कोई ऐसा Delhi News वाहन हैं जिसके उम्र 15 वर्ष हो चुकी है तो सतर्क हो जाएं। सरकार जल्द ही आपके वाहन को घर से उठा ले जा सकती है। दरअसल परिवहन विभाग द्वारा ऐसे वाहनों को जब्त और स्क्रैप किए जाने की प्लानिंग की जा रही है। इसके लिए एक अभियान शुरू किया गया है।
जिसके तहत विभाग की टीमें गली मोहल्ले में भी खड़े मिलने पर इन वाहनों को जब्त कर लेंगी। बता दें कि बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए करीब दो वर्ष पहले 29 अक्टूबर 2018 को राष्ट्रीय राजधानी यानि दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट ने 10 साल पुराने डीजल वाहनों व 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के चलने पर भी रोक लगा दी थी।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल का 2014 का आदेश
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के 2014 के आदेश अनुसार 15 वर्ष पुराने वाहनों को चलाने की अनुमति नहीं है। इसी क्रम में जो प्लानिंग की जा रही है उसके अनुसार पहले चरण में विभाग की प्रवर्तन टीमें 15 साल से अधिक पुराने डीजल वाहनों को स्क्रैप के लिए जब्त करेगीं। दिल्ली के परिवहन आयुक्त आशीष कुंद्रा के अनुसार विभाग द्वारा कई बार लोगों को वाहनों की स्थिति संबंधी नोटिस भी भेजा जा चुका है। इसके अलावा 10 साल से ज्यादा पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को नहीं चलाया जा सकेगा।
इतना ही नहीं आप इसे न तो चला सकेंगें और न ही सार्वजनिक सड़कों पर पार्क किया जा सकेगा। इसे लेकर भी विभाग द्वारा अधिसूचित योजना (मोटर वाहनों के स्क्रैपिंग के लिए दिशानिर्देश) के अनुसार निेर्देशित किया गया है।
पर्यावरण के लिए है जरूरी ये
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण सरंक्षण Dilhi News के मुद्दों को ध्यान में रखकर उससे सुरक्षित करना है। चूंकि डीजल वाहनों द्वारा सबसे अधिक प्रदूषण फैलता है इसलिए विभाग द्वारा पहले 15 साल से अधिक पुराने और सबसे अधिक प्रदूषण फैलाने वाले डीजल वाहनों पर कार्रवाई की जाएगी
15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों की संख्या 38 लाख
जानकारी के अनुसार दिल्ली में जिन वाहनों को चलाने की अनुमति नहीं है। उनमें 15 वर्ष पुराने पेट्रोल वाहनों की संख्या करीब 38 लाख से अधिक है और 7,700 वाहन कीरब 10 से 15 साल पुराने डीजल वाहन हैं। हालांकि दिल्ली सरकार ऐसे वाहनों को छूट देने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने पर विचार कर रही है। मगर पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली को इससे लाभ नहीं होने वाला है। अभी फिलहाल विभाग ने 15 साल से पुराने डीजल वाहनों के खिलाफ अभियान चलाया हुआ है।
दूसरे राज्यों में करा सकते हैं पंजीयन
वरिष्ठ अधिकारियों की मानें तो यह आम जनता से जुड़ा हुआ मामला है इसलिए इस पर गंभीरता से विचार किया जाना जरूरी है। ऐसे में इस मुद्दे को लेकर विभिन्न योजनाओं पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए लोगों के पास एक ये विकल्प है कि जिन राज्यों में इस प्रकार के वाहन चलाने की अनुमति है। तो वहां पर इस प्रकार के वाहनों का पंजीयन किया जा सकता है। दिल्ली परिवहन विभाग द्वारा उन्हें एनओसी देकर स्वीकृति दे दी जाएगी। ऐसा न कर पाने की स्थिति में उन्हें वाहन मालिकों को खुद अपने वाहनों को स्क्रैप कराने के लिए आगे आना होगा। वाहन को स्क्रैप कराने पर वाहन मालिक को प्रति किलो अधिकतम 25 रुपये के हिसाब से भुगतान होता है।