नई दिल्ली। पिछले पांच दिन पहले शुरू Shardiya Navratri Day 7 हुई शारदीय नवरात्री का आज वैसे तो छठवा दिन है। परंतु तिथि के घटने के कारण आज यानि मंगलवार 12 अक्टूबर को मां कालरात्री Maa Kalratri का पूजन किया जाएगा। तंत्र, मंत्र साधना के लिए मां के इस रूप की उपासना विशेष रूप से की जाती है।
मां कालरात्री चार भुजाधारी हैं। मां कालरात्री को तंत्र, मंत्र और यंत्र की देवी भी कहा जाता है। पौराणिक कथा अनुसार असुर रक्तबीज का वध करने के लिए मां दुर्गा ने ही कालरात्रि को अपने तेज से उत्पन्न किया था। अगर व्यक्ति मां कालरात्रि के नाम का उच्चारण बस कर लें तो उसके मन से भूत, प्रेत, राक्षस, दानव की बुरी शक्तियां भाग जाती हैं। इनका पूजन करने से जीवन के सभी संकट दूर हो जाता है। आइए हम आपको बताते हैं मां कालरात्रि का पूजन कैसे करें। ताकि मां प्रसन्न होकर आपको मनचाहा वर दें।
गुड़ से प्रसन्न होंगी मां कालरात्रि
चूंकि मां को तंत्र, मंत्र के लिए विशेष रूप से पूजा जाता है। इसलिए इनकी पूजा ब्रह्म मुहूर्त में की जाती है। पूजन के लिए सर्व प्रथम चौकी पर मां कालरात्रि का चित्र स्थापित करके उन्हें कुमकुम, लाल पुष्प व रोली चढ़ाएं। चूंकि नींबू को तंत्र विद्या में उपयोग किया जाता है इसलिए मां को नींबुओं की माला पहनाकर तेल का दीपक जलाएं। गुड़ का भोग लगाएं। इसके बाद मंत्रों का जाप कर सप्तशती का जाप करें। फिर कथा सुनकर आरती करें।
मंत्र —
ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तु ते।।
जय त्वं देवि चामुण्डे जय भूतार्तिहारिणि।
जय सर्वगते देवि कालरात्रि नमोस्तु ते।।
मां कालरात्रि की आरती
कालरात्रि जय जय महाकाली
काल के मुंह से बचाने वाली
दुष्ट संहारिणी नाम तुम्हारा
महा चंडी तेरा अवतारा
पृथ्वी और आकाश पर सारा
महाकाली है तेरा पसारा
खंडा खप्पर रखने वाली
दुष्टों का लहू चखने वाली
कलकत्ता स्थान तुम्हारा
सब जगह देखूं तेरा नजारा
सभी देवता सब नर नारी
गावे स्तुति सभी तुम्हारी
रक्तदंता और अन्नपूर्णा
कृपा करे तो कोई भी दु:ख ना
ना कोई चिंता रहे ना बीमारी
ना कोई गम ना संकट भारी
उस पर कभी कष्ट ना आवे
महाकाली मां जिसे बचावे
तू भी ‘भक्त’ प्रेम से कह
कालरात्रि मां तेरी जय