भोपाल। कोयले की कमी से देश में कथित बिजली संकट की खबरों के बीच मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने रविवार को दावा किया कि बिजली संकट नहीं है और राज्य बिजली के मामले में बेहतर स्थिति में है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने बिजली संयंत्रों के लिए आठ मीट्रिक टन कोयला खरीदने के लिए टेंडर भी जारी कर दिया है। राज्य की दैनिक बिजली की मांग को पूरा करने का दावा करते हुए तोमर ने यहां कहा कि बिजली संकट राष्ट्रीय स्तर पर है और इस मामले में मध्य प्रदेश बेहतर स्थिति में है। मंत्री ने बताया कि शनिवार को राज्य को करीब 45,000 मीट्रिक टन कोयला मिला। तोमर ने कहा कि मुझे लगता है कि हमें जल्द ही इस संकट से छुटकारा मिल जाएगा…राज्य में वर्तमान में कोई बिजली संकट नहीं है। बता दें कि प्रदेश में बीते दिनों से बिजली संकट की खबरें आ रही हैं। कई राज्यों समेत मप्र में भी कोयले की कमी के कारण बिजली संकट आने की आशंका जताई जा रही है। इतना ही नहीं कई बिजली संयंत्रों को चलाने के लिए मात्र 1 या 2 दिन का ही कोयला बचा था।
उत्पादन हुआ ठप!
देश के कई राज्यों समेत मप्र मे भी कोयले की कमी साफ दिख रही है। कांग्रेस ने इसको लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना भी साधा है। अगर बिजली भंडारण की बात करें तो पिछले साल 6 अक्टूबर को प्रदेश में 15 लाख 86 हजार टन कोयले का भंडार मौजूद था। इस साल 6 अक्टूबर को केवल 2 लाख 31 हजार टन कोयला ही सरकार के भंडारण में बचा है। इसके चलते 5,400 मेगावाट की क्षमता वाले बिजली संयंत्रों में मात्र 2,295 मेगावाट बिजली का ही उत्पादन हो पा रहा है। प्रदेश में करीब 10 हजार मेगावाट बिजली की मांग है। इसे पूरा करने के लिए केंद्रीय और निजी क्षेत्र से 6227 मेगावाट बिजली ली जा रही है। ऐसे में संकट गहराता दिख रहा है।