नई दिल्ली। आज हम आपको स्टोरी ऑफ द डे में देश की एक ऐसी घटना के बारे में बताएंगे जिसने लोगों की नींद उड़ा दी थी। दरअसल, आपने कुछ साल पहले कई राज्यों में चोटी काटने की घटना के बारे में सुना होगा। लोग इस घटना के बाद दहशत में थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस घटना से पहले भी एक ऐसी ही घटना हुई थी जिसने दिल्ली समेत देश के होश उड़ा दिए थे। हम बात कर रहे हैं, ‘मंकी मैन’ (Monkey Man)की जिसने साल 2001 में दिल्ली सहित देश में खौफ का माहौल बना दिया था।
लोगों ने क्या दावा किया
कई लोगों ने दावा किया था कि ‘काला बंदर’ ने उन पर हमला किया है। वहीं कई लोगों का दावा था कि उन्होंने उस मंकी मैन का देखा है। उनके मुताबिक मंकी मैन या काला बंदर की लम्बाई 4 फीट थी, सारे बदन पर काले घने बाल, चेहरा हेलमेट से ढ़का हुआ और उसके हाथ पर मेटल के पंजे लगे होते थे। मंकी मैन इस मेटल के पंजे से ही लोगों पर हमले करता था।
पुलिस ने क्या कहा?
ऐसे में दिल्ली पुलिस के पास शिकायतें बढ़ने लगीं। हर जगह से कमोबेश एक सी ही कहानी थी। पीड़ित के शरीर पर नाखून से खरोंचने के निशान मिलते थे। पुलिस ने जब जांच की तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। पुलिस के अनुसार ऐसा कोई जानवर या शख्स था ही नही। ये लोगों की सॉइकोलॉजिकल क्रिएशन थी यानी लोगों की दिमागी उपज।
लोग छत पर सोने से डरने लगे थे
मंकी मैन की पहली घटना दिल्ली के यमुनापार इलाके से सामने आई थी। इसके बाद देखते ही देखते ये दिल्ली के शालीमार बाग, साहिबाबाद, ओखला, मोदी नगर, संगम विहार, जैसे इलाकों में फैल गया था। लोग दावा करते थे कि मंकी मैन छतों से कूदता हुआ आता है और हमला करके भाग जाता है। इस घटना ने लोगों को इतना गुमराह किया था कि ग्रामीण इलाकों में लोग छत पर सोने से भी डरते थे। शाम ठलते ही लोग अपने घरों की खिड़कियां बंद कर लेते थे। हालांकि, धीरे-धीरे ये घटना खुद-ब-खुद बंद हो गई और मंकी मैन कौन था, कहां गया? इसका जवाब आज तक देश को नहीं मिला है।