रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री पद के कथित बंटवारे और नेतृत्व परिवर्तन की खबरों के बीच पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में डेरा डाले पार्टी के कई विधायक सोमवार शाम को रायपुर लौट आए। छत्तीसगढ़ में जून माह में भूपेश बघेल सरकार के ढाई वर्ष पूरे होने के बाद से राज्य की राजनीति में लगातार हलचल मची हुई है। राज्य में मुख्यमंत्री पद के लिए ढाई—ढाई वर्ष बंटवारे की चर्चा है। इन्हीं चर्चाओं के बीच पिछले लगभग सप्ताह भर से राष्ट्रीय राजधानी में डेरा डाले विधायकों में से कई विधायक सोमवार को वापस रायपुर आ गए। सोमवार शाम को एक विशेष विमान से नई दिल्ली से रायपुर पहुंचने के बाद विधायकों ने संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कहा ‘ऑल इज वेल’। इस दौरान कई विधायकों ने जीत का संकेत भी दिखाया। जब उनसे ऐसा करने का कारण पूछा गया तब उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि राज्य में सब कुछ ठीक है।
इसलिए दिल्ली पहुंचे विधायक
विधायकों के रायपुर पहुंचने के बाद जब उनसे नई दिल्ली जाने का कारण पूछा तब अधिकतर विधायकों ने कहा कि वह निजी कार्यों से दिल्ली में थे। हालांकि पार्टी सूत्रों का कहना है कि विधायक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पक्ष में एकजुटता जताने के लिए राष्ट्रीय राजधानी गए थे। बस्तर क्षेत्र की केशकाल विधानसभा सीट से विधायक संत राम नेताम ने इस दौरान कहा, “हम निजी काम से (दिल्ली) गए थे। जब हम सभी विधायक वहां मिले तब हमने अपने प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया से भी मिलने की कोशिश की। लेकिन वह दिल्ली से बाहर थे इसलिए ऐसा नहीं हो सका। नेताम ने कहा कि राहुल गांधी का छत्तीसगढ़ दौरा प्रस्तावित है और हम सभी उनसे पुनिया जी के माध्यम से अपने-अपने जिलों का दौरा करने का अनुरोध करना चाहते थे। उन्होंने कहा, सब ठीक है। हम अपने काम के लिए दिल्ली जाते रहेंगे और अपने नेताओं से मिलेंगे।
35 विधायक विघायकों की वापसी
महासमुंद सीट से विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने कहा,सब ठीक है। नेतृत्व परिवर्तन के बारे में अटकलों जैसा कुछ नहीं है।चंद्राकर ने कहा कि मीडिया में जिस तरह से बातें चल रही थी कि मुख्यमंत्री बदलने जा रहे हैं। ऐसा कुछ नहीं है। यह सब भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) और आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) की ओर से पेश की गई चीजें थीं। कांग्रेस विधायक ने कहा कि सोमवार शाम को करीब 35 विधायक राजधानी लौट आए हैं तथा कुछ विधायक अभी भी दिल्ली में ठहरे हुए हैं। चंद्राकर ने कहा कि विधायकों की दिल्ली यात्रा को राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए। राज्य के धरमजयगढ़ निर्वाचन क्षेत्र से विधायक लालजीत सिंह राठिया ने कहा कि वह और अन्य विधायक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को समर्थन देने गए थे। हालांकि उन्होंने कोई अन्य विवरण नहीं दिया। राठिया ने कहा कि उन्हें प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया से जानकारी मिली है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी सात अक्टूबर को रायपुर जिले के चंदखुरी गांव में राम वन गमन टूरिस्ट सर्किट के उद्घाटन समारोह में हिस्सा लेने के लिए आएंगे। राज्य में इस वर्ष जून माह में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यकाल के ढाई वर्ष पूरे होने के बाद मुख्यमंत्री पद के ढ़ाई—ढाई वर्ष के कथित बंटवारे के फॉर्मूले की चर्चा जोरों पर है।
वरिष्ठ नेताओं से मिलने की कोशिश
पिछले कुछ दिनों के दौरान बघेल के करीबी माने जाने वाले विधायकों ने दिल्ली का दौरा किया है। राज्य में कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक विधायक मुख्यमंत्री बघेल के साथ अपनी एकजुटता जताने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मिलने की कोशिश में थे। इससे पहले बीते गुरुवार को मुख्यमंत्री बघेल ने कहा था कि कांग्रेस विधायकों के दिल्ली दौरे को राजनीति के चश्मे से नहीं देखा जाना चाहिए।वहीं राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव जिन्हें मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है। उन्होंने भी विधायकों के दिल्ली दौरे को तवज्जो नहीं दी थी और कहा था कि इसे कोई मुद्दा नहीं बनाया जाना चाहिए।राज्य में संभावित नेतृत्व परिवर्तन के बारे में पूछे जाने पर सिंहदेव ने दोहराया था कि निर्णय पार्टी आलाकमान के पास सुरक्षित है।