पंकज शर्मा, राजगढ़। ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी अंधविश्वास के चलते परिजन अपने मासूमों की जान खतरे में डाल रहे हैं। ऐसा ही एक मामला मध्यप्रदेश के राजगढ़ से सामने आया है। जहां राजगढ़ जिला अस्पताल में पिछले 10 दिनों में तीन ऐसे मासूम बच्चे इलाज के लिये भर्ती हुए हैं जिनके शरीर पर गर्म सरिये से दागने के निशान हैं।अंधविश्वास द्वारा इलाज करवाने पर जब बच्चे ठीक नहीं हुए तो परिजनों ने उनका इलाज राजगढ़ जिला अस्पताल में करवाया। बच्चों को राजगढ़ अस्पताल में भर्ती किया गया था। राजगढ़ जिले में बच्चे इस समय अधिक बीमार हो रहे हैं। राजगढ़ के जिला अस्पताल के शिशु वार्ड में सोमवार को 65 बच्चे भर्ती थे। जिनमें से 5 बच्चों में ऑक्सीजन की कमी होने पर ऑक्सीजन लगाया हुआ था। राजगढ़ जिले में इस समय बच्चों में निमोनिया हो रहा है और निमोनिया होने पर बच्चों में सांस की दिक्कत और ऑक्सीजन की कमी हो जाती है।
निमोनिया के बाद बिगड़ी हालत
राजगढ़ के जिला चिकित्सालय में अपने 6 महीने के मासूम नयन का ईलाज करा रही ग्राम मोयाखेडा की सुनीता ने बताया कि मेरे बेटे को निमोनिया हो गया था, उसे सांस चल रही थी, इसलिए उसके दादाजी गांव में ही ले गए और एक बुजुर्ग व्यक्ति से उसके शरीर पर गर्म सरिये से निशान बनवाए जिससे वह ठीक हो सके। डॉक्टर आर एस मथुर की मानें तो सुनीता के बच्चे नयन की तरह ही राजगढ़ जिला अस्पताल में पिछले 10 दिनों में तीन ऐसे मासूम बच्चे भर्ती हुये थे जिन्हें निमोनिया होने पर उनके परिजनों ने आस पास गांव मे ही अंधविश्वास के चलते गर्म सरिये से दाग कर उनका उपचार करवाया है। जिससे मासूम बच्चे के सीने पर जलने के निशान मौजूद हैं। अंधविश्वास के इलाज से जब बच्चे ठीक नहीं हुए तो उन्हें इलाज के लिए राजगढ़ जिला अस्पताल के शिशु वार्ड में भर्ती किया गया ।
यह बोले अधिकारी
वही राजगढ़ के जिला अस्पताल में पदस्थ शिशु रोग विशेषज्ञ आर एस माथुरा की मानें तो राजगढ़ जिला अस्पताल में दस दिनों में ऐसे तीन बच्चों को उपचार के लिए लाया गया है। पहले गांवों में ही अंधविश्वास के चलते इनका उपचार करवाया गया और इन बच्चों को गर्म सलाखों से दागा गया। बच्चों के करहाने पर उन्हें उपचार के लिए यहां लाया गया।