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भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ (Kamal Nath) को लेकर कहा जाता है कि वो मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के पद पर रहे या न रहें। लेकिन वो छिंदवाड़ा (Chhindwara) में दशकों से मुख्यमंत्री हैं। वहां के लोग छिंदवाड़ा और कमलनाथ को अलग कर के नहीं देखते। कमलनाथ चाहे जहां भी रहे वो महीने में दो बार छिंदवाड़ा जरूर जाते हैं और ये सिलसिला लगभग 40 वर्षों से जारी है।
छिंदवाड़ा में हर तबके के लोग कमलनाथ को मानते हैं
कमलनाथ वहां जब भी पहुंचते हैं, लोग उनसे मिलने के लिए कतार में आते हैं। शिकारपुर (Shikarpur) स्थित उनके आवास पर लोग सुबह से ही मिलने के लिए पहुंच जाते हैं और यह सिलसिला दो से तीन दिनों तक चलते रहता है। इस दौरान कमलनाथ भी किसी को निराश नहीं करते हैं वो सभी लोगों से मिलते हैं उनकी समस्याओं को सुनते हैं और तमाम समस्याओं को हल करने की कोशिश करते हैं। यही कारण है कि छिंदवाड़ा में कमलनाथ का संपर्क समाज के हर तबके के लोगों से हैं।
छिंदवाड़ा के लोग आज भी मानते हैं सीएम
छिंदवाड़ा में कमलनाथ को लोग अपने परिवार का मुखिया मानते हैं। वहीं कमलनाथ भी यहां हजारों लोगों को नाम से जानते हैं। वो जब भी उनसे मिलते हैं तो सीधे नाम से पुकारते हैं। यही कारण है कि छिंदवाड़ा के लोग आज भी उन्हें मुख्यमंत्री से कम नहीं मानते हैं। वो कहते हैं कि हमें कमलनाथ से लेना देना है। वो किसी पद पर रहें या नहीं रहें। छिंदवाड़ा में उनकी लोकप्रियता को कोई कम नहीं कर सकता है।
छिंदवाड़ा के लोगों के लिए उनका घर हमेशा खुला रहता है
यही कारण है कि कमलनाथ यहां से अब तक नौ बार सांसद बन चुके हैं। पहली बार 34 साल की उम्र में कमलनाथ छिंदवाड़ा से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। छिंदवाड़ा के लोगों के लिए भी कमलनाथ हमेशा से खड़े रहे हैं। जब वो कांग्रेस सरकार में केंद्रीय मंत्री थे तो उस वक्त छिंदवाड़ा के लोगों के लिए दिल्ली में तुगलक रोड़ स्थित उनका घर हमेशा खुला रहता था। मुख्यमंत्री बनने के बाद भी कमलनाथ छिंदवाड़ा जाना नहीं भुलते थे। वो जब भी यहां आते, लोगों से मिलने के लिए बाहर जरूर निकलते थे।
कमलनाथ ने छिंदवाड़ा की बदल दी तस्वीर
कहा जाता है कि 1980 से पहले छिंदवाड़ा को महज एक जिला मुख्यालय के रूप में जाना जाता था। लेकिन जब से कमलनाथ ने यहां की कमान संभाली तब से लगातार इस जिले में विकास हुआ। यहां 1980 के बाद सड़क, बिजली, पानी, चिकित्सा, परिवहन, कृषि आदी क्षेत्रों में कई परिवर्तन हुए और इन सभी चीजों का श्रेय कमलनाथ को जाता है। छिंड़वाड़ा को लोग अब देश में एक विकास मॉडल के रूप में देखते हैं।