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भोपाल। ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्यप्रदेश के उन नेताओं में से हैं जो हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं। सिंधिया को लेकर कहा जाता है कि वो जितने अच्छे राजनेता हैं उतने ही अच्छे क्रिकेटर भी हैं। क्रिकेट से उनका गहरा लगाव है। सिंधिया अक्सर मैदान पर बल्ले के साथ नजर आ जाते हैं। उन्हें ये क्रिकेट का शौक कहा से लगा आज हम यही जानने की कोशिश करेंगे।
सिंधिया को विरासत में मिली क्रिकेट
दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया को क्रिकेट और राजनीति दोनों अपने पिता माधवराव सिंधिया से विरासत में मिली है। माधवराव एक अच्छे राजनेता के साथ-साथ खेलों के बड़े शौकीन थे। यहां तक कि उन्होंने मध्यप्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की तरफ से कप्तानी भी की थी और कई मैच भी जिताये थे। उन्हें क्रिकेट, बैडमिंटन और गोल्फ खेलने का बड़ा शौक था। उन्होंने अपने राजनीतिक करिअर में हमेशा खेलों को बढ़ावा दिया। इसी के चलते उन्होंने ग्वालियर को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट मैदान और आधुनिक खेल संस्थान एलएनयूपीआई की सौगात दी थी।
पिता की तरह सिंधिया भी शौकीन हैं
ज्योतिरादित्य सिंधिया भी अपने पिता की तरह क्रिकेट के शौकीन हैं। वो लंबे समय तक मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे हैं। राजनीति व्यस्तता के बीच उन्हें अक्सर क्रिकेट खेलते हुए भी देखा जाता है। हाल ही में उन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान के साथ बुधनी विधानसभा में क्रिकेट खेलते हुए देखा गया था। जहां उन्होंने पहले क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्घाटन किया और इसके बाद खुद को क्रिकेट खेलने से रोक नहीं पाए।
सिंधिया ने कार्तिकेय की जमकर की तारीफ
बतादें कि कार्तिकेय ने इस क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन अपने दादा-दादी की स्मृति में पिता के विधानसभा क्षेत्र बुदनी में करवाया था। जिसके उद्घाटन के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया और सबा करीब मुख्य अतिथि थे। इस दौरान सिंधिया ने कार्तिकेय की जमकर तारीफ की उन्होंने कहा कि ये नौजवान अपने पिता और दादा के पदचिन्हों पर चलकर मध्यप्रदेश की नई इबारत लिखेगा। जिसके बाद से ही राजनीतिक पंडित कह रहे हैं कि अब कार्तिकेय को सिंधिया के रूप में अपना राजनीतिक गुरू मिल गया है।
रेसिंग का है बड़ा शौक
सिंधिया को सिर्फ क्रिकेट का ही शौक नहीं है उन्हें महंगी कारों का भी बड़ा शौक है। वे कम उम्र से ही रेसिंग करते थे। साथ ही वे इस बात का भी ख्याल रखते थे कि कही उनकी इन आदतों का पता, पिता को ना चल जाए। इसलिए वे छुप-छुपा कर कार रेसिंग किया करते थे।