भोपाल। प्रदेश में पुलिस द्वारा चलाए गए “मुस्कान” अभियान को काफी सफलता मिली है। इस अभियान के तहत पुलिस ने दो हजार से ज्यादा लापता बच्चियों को खोज निकाला है। पुलिस के इस प्रयास की उच्च न्यायालय ने भी तारीफ की है। इस अभियान में प्रदेश की लापता 2444 बालिकाएं राज्य के अन्दर और बाहर से बरामद की गई हैं। एक महीने की अवधि में जिला इन्दौर की 175 बालिकाएं, सागर की 144, धार की 115, रीवा की 107 और छतरपुर की 102 बालिकाएं पुलिस ने खोज निकालीं हैं।
बैतूल जिले का बरामदगी का प्रतिशत 89.1% और अशोकनगर का 79.1% है। जनवरी के अंत में गुम बालिकाओं के कुल 3122 प्रकरण अभी भी लंबित हैं। पिछले साल भी तीन अभियानों में 3337 नाबालिग बालिकाओं को बरामद किया गया था। अब पुलिस के इस काम की तारफी की जा रही है।
पुलिस के काम की हो रही तारीफ
बता दें कि पुलिस के इस कदम की काफी सराहना की जा रही है। बीते 22 जनवरी को जबलपुर के उच्च न्यायालय ने भी सराहना की थी। दरअसल एक सीधी जिले की 19 साल की किशोरी को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद से त्वरित कार्रवाई कर बरामद किया गया था। पुलिस के इन प्रयासों को काफी सराहा गया था। इसी अभियान में पुलिस ने सीहोर से एक बच्ची के गायब होने की खबर भी दी थी। दरअसल इसी अभियान के तहत बच्ची की मौत का खुलासा हुआ था। जहां पिता ने ही बच्ची के शव को दफन कर दिया था।
इस अभियान के तहत पुलिस ने कई मासूम लड़कियों की जिंदगी बचाई है। इस अभियान में लगभग 82% बालिकाएं प्रदेश के अंदर से और 18% प्रदेश के बाहर से बरामद हुई हैं। पुलिस के मुताबिक कुछ बालिकाएं दूर दराज के प्रदेशों जैसे जम्मू कश्मीर से पांच, कर्नाटक से तीन, तेलंगाना से आठ, बंगाल से चार, दमन द्वीप से तीन, केरल से 6, असम से एक और पंजाब से 141 बालिकाएं भी मिली हैं।