सूरत। निजी फर्म एनटीपीसी और टीसीएस के माध्यम से जूनियर क्लर्क और कमर्शियल क्लर्क पदों के लिए करवाई गई थी. जिसमें बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. ये परीक्षा 3 जनवरी को करवाई गई थी. जिसे रिक्रूटमेंट सेल (आरआरसी) की ओर से करवाया गया था . इस फर्जीवाड़े में परीक्षा का पेपर 7 घंटे पहले ही वॉट्सऐप पर जारी कर दिया गया और फिर 5 लाक रुपए ऐंठे गए थे. पश्चिम रेलवे विजिलेंस विभाग की शुरुआती जांच से यह बात सामने आई.
गिरोह ने फर्जी वेबसाइट बनाकर रिजल्ट घोषित किया
जब आरआरसी के आधिकारिक परिणाम घोषित होने से पहले ही गिरोह ने फर्जी वेबसाइट बनाकर रिजल्ट घोषित कर दिया तब इस बात का खुलासा हुआ . इस वक्त विजिलेंस सूत्रों के मुताबिक प्राइवेट फर्म एनटीपीसी और टीसीएस के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच की जारी है. आरआरसी (मुंबई) से इस बारे में जानकारी मांगने पर उन्होंने कहा कि अभी हमने रिजल्ट जारी नहीं किया है. लगभग 12 हजार अभ्यर्थियों ने यह परीक्षा ऑनलाइन दी थी. इसके अलावा अहमदाबाद में इसका सेंटर भी था. सूरत और आसपास के लगभग ढाई हजार छात्र इस परीक्षा बैठे थे. फर्जी वेबसाइट बनाकर रिजल्ट घोषित कर रिजल्ट घोषित करने वाला ये गिरोह दिल्ली और बिहार से जुड़ा है. इस गिरोह ने अपने फर्जी परीक्षाफल में 60 प्रतिशत परिक्षार्थियों को 100 में से 100 नम्बर दिए थे. इस फर्जीवाड़े में रेलवे के बड़े अधिकारियों के जुड़े रहने की भी आशंका है.