पणजी, 19 जनवरी (भाषा) फिल्म निर्माता दादा साहेब फाल्के के पोते चन्द्रशेखर पुसाल्कर ने भारतीय सिनेमा के पितामह कहे जाने वाले फाल्के को फिल्म जगत में उनके योगदान के लिए भारत रत्न देने की मांग की है।
फाल्के की मूक फिल्म ‘राजा हरिशचन्द्र’ (1913) को पहली पूर्ण भारतीय फीचर फिल्म का दर्जा प्राप्त है।
अपने करीब दो दशक लंबे करियर में फाल्के ने 95 बड़ी फिल्में बनायी जिनमें ‘मोहिनी भस्मासुर’, ‘सत्यवान सावित्री’ और ‘कालिया मर्दन’ शामिल हैं।
भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) के 51वें संस्करण के दौरान पुसाल्कर ने कहा कि यह उचित होगा अगर दादा साहेब को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न दिया जाए।
उन्होंने आशा जतायी कि फिल्म जगत उनके जीवन पर फिल्म बनाने पर भी विचार करेगा।
पुसाल्कर ने कहा, ‘‘यही उचित अवसर है। मेरे दादाजी का 150वां जन्मवर्ष है और मरणोपरांत उन्हें भारत रत्न देने का उचित समय है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सेलिब्रेटी आते-जाते रहेंगे, लेकिन जब तक सिनेमा है दादा साहेब फाल्के को याद किया जाएगा।’’
भाषा अर्पणा वैभव
वैभव