चेन्नई (तमिलनाडु), 19 जनवरी (भाषा) प्रसिद्ध कैंसर विशेषज्ञ एवं यहां स्थित कैंसर संस्थान की अध्यक्ष डॉ. वी शांता का दिल का दौरा पड़ने के कारण मंगलवार को तड़के निधन हो गया।
वह 93 वर्ष की थीं। डॉ. वी शांता कैंसर के मरीजों के उपचार में अतुलनीय योगदान के लिए जानी जाती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई गणमान्य हस्तियों ने डॉ. शांता के निधन पर शोक जताया। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने कहा कि डॉ. शांता की निस्वार्थ सेवा को सम्मानित करने के लिए उनका पुलिस सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
कैंसर संस्थान के एक अधिकारी ने ‘पीटीआई भाषा’ से कहा, ‘‘डॉ़ शांता ने बताया था कि उनके सीने में दर्द हो रहा है, जिसके बाद हम उन्हें कल रात अस्पताल लेकर गए। एंजियोग्राम प्रक्रिया की गई और हमें बताया कि रक्त की आपूर्ति में अवरोध पैदा हो गया है। उपचार के दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा और तड़के तीन बजकर 35 मिनट पर उनका निधन हो गया। वह 93 वर्ष की थीं।’’
उन्होंने बताया कि डॉ. शांता का अंतिम संस्कार बसंत नगर श्मशान घाट में मंगलवार शाम को किया जाएगा।
यहां अडयार स्थित कैंसर संस्थान (वीमेन्स इंडियन एसोसिएशन -डब्ल्यूआईए) एक सार्वजनिक परमार्थ स्वैच्छिक संस्थान है, जो कैंसर के उपचार के लिए समर्पित है।
डॉ. शांता ने डॉ. मुथुलक्ष्मी रेड्डी के बेटे डॉ. एस कृष्णमूर्ति के साथ मिलकर कैंसर संस्थान को 12 बिस्तर वाले एक छोटे से अस्पताल से राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के बड़े कैंसर केंद्र में बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यह संस्थान गरीबों को कैंसर का उपचार मुहैया कराने के लिए जाना जाता है।
उपमुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम, द्रमुक अध्यक्ष एम के स्टालिन, तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के एस अलागिरि, माकपा के राज्य सचिव के. बालाकृष्णन और पीएमके के संस्थापक रामदास सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, स्वास्थ्य कर्मियों और आमजन ने डॉ. शांता के निधन पर शोक व्यक्त किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने डॉ. शांता के निधन पर शोक जताया और कहा कि उन्हें कैंसर के मरीजों के लिए उच्च कोटि का इलाज सुनिश्चित करने के प्रयासों के लिए याद किया जाएगा।
मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘डॉक्टर वी. शांता को कैंसर का उच्च कोटि का इलाज सुनिश्चित करने के प्रयासों के लिए याद किया जाएगा। चेन्नई स्थित अडयार कैंसर संस्थान गरीबों और वंचितों की सेवा करने में सबसे आगे है। वर्ष 2018 में यहां का दौरा मुझे याद आ गया। डॉक्टर शांता के निधन से दुखी हूं।’’
तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने कहा कि वह डॉ. शांता के निधन से स्तब्ध एवं दुखी है। उन्होंने कैंसर के मरीजों के उपचार एवं कैंसर संस्थान के प्रति उनकी अतुलनीय प्रतिबद्धता एवं समर्पण के लिए उनकी प्रशंसा की।
पलानीस्वामी ने कहा कि डॉ. शांता ने अपनी निस्वार्थ सेवा से केवल तमिलनाडु के लोगों ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लोगों के दिलों में जगह बनाई है और उनकी निस्वार्थ सेवा एवं उन्हें सम्मानित करने के लिए पुलिस सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
द्रमुक के प्रमुख स्टालिन ने डॉ. शांता की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने गरीबों, आमजन और समाज के सभी वर्गों के लोगों को कैंसर का गुणवत्तापूर्ण उपचार मुहैया कराने के लिए जीवनभर काम किया।
डॉ़ शांता को तमिलनाडु सरकार के पुरस्कार, पद्म पुरस्कार और मैगसायसाय पुरस्कार समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। वह मार्च 2005 तक कैंसर संबंधी डब्ल्यूएचओ सलाहकार समिति में थीं।
संस्थान की वेबसाइट के अनुसार, डॉ. शांता अप्रैल 1955 में एक रेंजीडेट चिकित्सकीय अधिकारी के तौर पर इससे जुड़ी थीं।
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित सर सीवी रमन और सुब्रह्मण्यन चंद्रशेखर के परिवार से संबंध रखने वाली डॉ. शांता ने 1949 में एमबीबीएस की डिग्री हासिल की थी। उन्होंने 1952 में डीजीओ और 1955 में प्रसूति और स्त्री रोग के क्षेत्र में एम.डी. की डिग्री प्राप्त की।
भाषा सिम्मी मनीषा
मनीषा
सिम्मी शाहिद
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