प्रयागराज/ इंदौर, 18 जनवरी (भाषा) हिंदू देवी-देवताओं पर कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणियों के मामले में इंदौर में गिरफ्तार हास्य कलाकार मुनव्वर फारुकी की मुश्किलें बढ़ गई हैं क्योंकि ऐसे ही आरोपों को लेकर उत्तरप्रदेश में पिछले साल दर्ज प्राथमिकी में उनके खिलाफ पेशी वॉरंट जारी किया गया है। इसके बाद फारुकी के वकील ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय से गुहार की है कि गुजरात के युवा हास्य कलाकार की लंबित जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई की जाए।
फारुकी को इंदौर से भाजपा की एक विधायक के बेटे की शिकायत पर एक जनवरी को गिरफ्तार किया गया था।
जानकार सूत्रों ने सोमवार को बताया कि प्रयागराज के एक अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) ने इंदौर के केंद्रीय जेल के अधीक्षक के नाम छह जनवरी को वॉरंट जारी करते हुए कहा कि उत्तरप्रदेश में दर्ज मामले में आरोपों का उत्तर देने और आगामी कार्यवाही के लिए फारुकी की उपस्थिति ‘अत्यंत आवश्यक’ है।
सूत्रों के मुताबिक प्रयागराज के जॉर्ज टाउन पुलिस थाने में फारुकी के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 153-ए (सांप्रदायिक सौहार्द्र पर विपरीत असर डालने वाला कार्य) और धारा 295-ए (किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जान-बूझकर किए गए विद्वेषपूर्ण कार्य) के साथ ही सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के संबद्ध प्रावधानों के तहत पिछले साल मामला दर्ज किया गया था।
मध्यप्रदेश के जेल विभाग के एक आला अधिकारी ने सोमवार देर शाम कहा कि फारुकी फिलहाल न्यायिक हिरासत के तहत इंदौर के केंद्रीय जेल में ही बंद है।
इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सूचना सलाहकार व भाजपा नेता शलभ मणि त्रिपाठी ने हास्य कलाकार फारूकी का नाम लिए बगैर ट्वीट में दावा किया कि माता सीता का अपमान करने वाले ‘फर्जी कॉमेडियन’ को मध्यप्रदेश से लाने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस की गाड़ी रवाना हुई है।
गौरतलब है कि नववर्ष की पहली तारीख को इंदौर में दर्ज मामले को लेकर फारुकी की जमानत याचिका पर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में केस डायरी के अभाव में शुक्रवार (15 जनवरी) को सुनवाई आगे बढ़ा दी गई थी। इस याचिका पर अगली सुनवाई के लिए 25 जनवरी की तारीख तय है।
इस बीच, फारुकी के इंदौर स्थित वकील अंशुमान श्रीवास्तव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि प्रयागराज की अदालत से पेशी वॉरंट जारी होने की जानकारी मिलने बाद उन्होंने सोमवार को आवेदन पेश कर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय से गुहार की कि उनके मुवक्किल की जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई की जाए। उन्होंने बताया, ‘हम जल्द सुनवाई के इस आवेदन पर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के आदेश का इंतजार कर रहे हैं।’
इससे पहले, प्रयागराज के पुलिस निरीक्षक (अपराध शाखा) धाकेश्वर सिंह ने बताया कि फारुकी के खिलाफ वायरल वीडियो को लेकर पिछले वर्ष अप्रैल में एक स्थानीय अधिवक्ता की शिकायत पर जॉर्ज टाउन थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। हास्य कलाकार पर इस वीडियो में हिन्दू देवी-देवताओं के अपमान का आरोप है।
सिंह के मुताबिक प्रयागराज में दर्ज प्राथमिकी में फारुकी की गिरफ्तारी इसलिए नहीं हो सकी थी क्योंकि उसमें उनका गलत पता दर्ज कराया गया था और उनके पिता के नाम का भी उल्लेख नहीं था। अधिकारी के मुताबिक चार महीने पहले प्रयागराज के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने इस मामले की जांच अपराध शाखा को सौंप दी थी।
सिंह ने बताया, ‘‘यह जानकारी मिलने पर कि फारुकी इंदौर के केंद्रीय जेल में बंद है, हम स्थानीय अदालत में गए और उसकी पेशी का वॉरंट हासिल किया। हमने सात जनवरी को यह वॉरंट इंदौर के केन्द्रीय जेल और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया।’’
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक इंदौर की भाजपा विधायक और शहर की पूर्व महापौर मालिनी लक्ष्मणसिंह गौड़ के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ ने फारुकी और हास्य कार्यक्रम के आयोजन से जुड़े चार अन्य लोगों के खिलाफ तुकोगंज पुलिस थाने में एक जनवरी की रात मामला दर्ज कराया था। विधायक पुत्र का आरोप है कि शहर के एक कैफे में एक जनवरी की शाम आयोजित इस कार्यक्रम में हिंदू देवी-देवताओं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और गोधरा कांड को लेकर अभद्र टिप्पणियां की गई थीं।
चश्मदीदों के मुताबिक एकलव्य अपने साथियों के साथ बतौर दर्शक इस कार्यक्रम में पहुंचे थे। उन्होंने कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के विरोध में जमकर हंगामा किया और कार्यक्रम रुकवाने के बाद फारुकी समेत पांच लोगों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था।
भाषा हर्ष राजेन्द्र अर्पणा
अर्पणा