नयी दिल्ली,13 जनवरी (भाषा) राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने पर्यावण मंत्रालय की एक समिति की उस रिपोर्ट पर देरी के लिए मंत्रालय को लताड़ लगाई है जिसका गठन टायर, सीसा और पीसीबी सहित खतरनाक अपशिष्टों के आयात की समीक्षा करने के लिए किया गया था।
एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि अगर कोई मामला किसी तार्किक नतीजे तक नहीं पहुंचे तो केवल समिति गठित करने से कुछ हल नहीं होगा।
अधिकरण ने कहा कि ऐसा कहा गया है कि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय (एमओईएफ) ने एक वर्ष से ज्यादा समय पहले एक समिति गठित की थी, लेकिन कोई कारण नहीं बताया गया कि रिपोर्ट क्यों नहीं सौंपी गई।
दरअसल पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने 29 नवंबर 2019 को एक समिति गठित की थी जिसे टायर, कपड़ा, सीसा, तेल, कागज जैसे अन्य अपशिष्ट पदार्थों से जुड़ी आयात और निर्यात नीतियों की समीक्षा करनी थी।
अधिकरण ने कहा कि समिति ने अब भी कागज अपशिष्ट के आयात पर अपनी रिपोर्ट नहीं दी है।
अधिकरण ने जल्द रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए।
अधिकरण अमित जैन की याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें कहा गया था कि अमेरिका, यूरोप और अन्य स्थानों से खराब गुणवत्ता वाला अपशिष्ट कागज और सड़क सफाई का कचरा यहां ईंट भट्टों में जलने के लिए आता है जिससे वायू प्रदूषण होता है।
भाषा
शोभना शाहिद
शाहिद