नयी दिल्ली, 12 जनवरी (भाषा) पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने मंगलवार को कहा कि भारत सीमापार से प्रायोजित आतंकवाद को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा और देश के पास किसी भी आतंकी गतिविधि से निपटने के लिए अपने चुने हुए समय और स्थान पर सटीक पलटवार करने का अधिकार है।
सेना प्रमुख ने 15 जनवरी को सेना दिवस के पहले संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत को ‘दोनों मोर्चे’ पर खतरे की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना होगा क्योंकि पाकिस्तान और चीन दोनों मिलकर बड़ा जोखिम पैदा करते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद का इस्तेमाल राज्य नीति के तौर पर हो रहा है। हमारी स्पष्ट राय है कि आतंकवाद को हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे और हमारे पास अधिकार है कि अपने चुने हुए समय और स्थान पर सटीक पटलवार करें।’
नरवणे ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान को सख्त संदेश दे दिया है कि उसकी आतंकी गतिविधियां बर्दाश्त नहीं किया जाएगी।
चीन और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तालमेल पर सेना प्रमुख ने कहा कि भारत को ‘‘दोनों मोर्चे’ पर निपटने के लिए तैयार रहना होगा क्योंकि दोनों पड़ोसी देश एक साथ दिक्कतें पैदा कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं कि दोनों (देश) मिलकर खतरा पैदा कर रहे हैं।’’
सेना प्रमुख ने कहा, ‘‘चीन और पाकिस्तान के बीच सैन्य और असैन्य क्षेत्र में सहयोग बढ़ा है। हमें दोनों मोर्चें पर खतरे से निपटने के लिए तैयार रहना होगा और इससे निपटते समय यह देखना होगा कि कौन सा खतरा ज्यादा गंभीर है और प्राथमिकता के हिसाब से इससे निपटना होगा।’’
जम्मू कश्मीर के बारे में बात करते हुए जनरल नरवणे ने कहा कि राज्य में स्थिति बेहतर हुई है लेकिन उस स्तर पर नहीं पहुंची है कि सरकार केंद्रशासित प्रदेश से सैनिकों को हटाने पर विचार करे।
कोरोना वायरस महामारी के बावजूद पाकिस्तान एलओसी पर बिना किसी उकसावे के संघर्ष विराम का उल्लंघन करता आ रहा है और कश्मीर में आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए भी उसने प्रयास किए हैं।
भाषा आशीष पवनेश
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