नयी दिल्ली, 12 जनवरी (भाषा) सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने मंगलवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध के समाधान के लिए समझौते पर पहुंच जाएंगे, लेकिन साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि भारतीय सैनिक किसी भी स्थिति से निपटने के लिए उच्च स्तर की लड़ाकू तैयारी रखेंगे।
सेना दिवस से पहले एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जनरल नरवणे ने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों की अभियान संबंधी तैयारियां बहुत उच्च स्तर की रही हैं और वे इसे कायम रखेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘हम जब तक अपने राष्ट्रीय लक्ष्यों और उद्देश्यों को नहीं प्राप्त कर लेते तब तक पकड़ बनाकर रखने के लिए तैयार हैं।’’
वास्तविक नियंत्रण रेखा पर बढ़ती सुरक्षा चुनौतियों के बारे में सेना प्रमुख ने कहा कि उत्तरी सीमाओं पर सैनिकों के पुन:संतुलन की जरूरत महसूस की गयी।
सेना प्रमुख ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि भारत और चीन परस्पर और समान सुरक्षा के प्रयासों के आधार पर सैनिकों की वापसी और तनाव कम करने के लिए एक समझौते पर पहुंच पाएंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि आपस में और समान सुरक्षा के आधार पर इस मुद्दे का समाधान निकल सकेगा।’’
जनरल नरवणे ने कहा कि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन दोनों ने ही सैनिकों की तैनाती में कोई कमी नहीं की है।
सेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय सैनिक पूरी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर उच्च स्तर की सतर्कता बरत रहे हैं, केवल लद्दाख में नहीं।
पूर्वी लद्दाख में शून्य से नीचे तापमान में अनेक पर्वतीय स्थानों पर भारतीय सेना के करीब 50,000 जवान उच्च स्तर की लड़ाकू तैयारी के साथ तैनात हैं। दोनों पक्षों के बीच अनेक दौर की वार्ता में गतिरोध के समाधान के लिए कोई ठोस परिणाम नहीं निकला है।
अधिकारियों के अनुसार चीन ने भी इतने ही सैनिकों को तैनात कर रखा है।
पिछले महीने भारत और चीन ने भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय की कार्य प्रणाली की रूपरेखा के तहत कूटनीतिक वार्ता का एक और दौर पूरा किया था।
भाषा वैभव पवनेश
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