Law Against Love Jihad in Madhya Pradesh: उत्तर प्रदेश के बाद अब मध्य प्रदेश में लव जिहाद के खिलाफ कानून लागू हो गया है। लव जिहाद रोकने के लिए एमपी में बनाए गए ‘धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020’ को 9 जनवरी को लागू हुआ। प्रदेश सरकार ने इसकी अधिसूचना (Notification) जारी कर दी है। इस नए कानून के तहत अधिकतम एक से 10 साल तक के कारावास और एक लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। राज्य में सभी कलेक्टरों और एसपी को अब नए कानून के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
गृह मंत्री @drnarottammisra ने बताया है कि शनिवार से मध्यप्रदेश में धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2020 ने मूर्तरूप ले लिया है। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश 2020 का गजट नोटिफिकेशन हो गया है। शनिवार से ही कानून लागू हो गया है। #JansamparkMP pic.twitter.com/FUwKF1Inv8
— Home Department, MP (@mohdept) January 9, 2021
लव जिहाद के खिलाफ कानून लागू होने को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने ट्वीट कर कहा, ‘मध्यप्रदेश में एक नए युग का प्रारंभ! ‘धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020′ को अधिसूचित कर दिया गया है। हम हमारी बेटियों की सुरक्षा और भविष्य के साथ किसी भी प्रकार का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे। बेटियां सशक्त होंगी और आत्मनिर्भर एमपी (AatmaNirbhar MP) के निर्माण में योगदान देंगी।’
मध्यप्रदेश में एक नए युग का प्रारंभ!
आज हम ने 'धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश-2020' को अधिसूचित कर दिया गया है।
हम हमारी बेटियों की सुरक्षा और भविष्य के साथ किसी भी प्रकार का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे।
बेटियाँ सशक्त होंगी और #AatmaNirbharMP के निर्माण में योगदान देंगी। https://t.co/BUbf4RAWE1
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 9, 2021
राज्यपाल की मंजूरी के बाद अध्यादेश का नोटिफिकेशन जारी
‘धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश’ 2020 को राज्यपाल आनंदी बेन पटेल की मंजूरी मिलने के 48 घंटे बाद प्रदेश शासन के गृह विभाग ने अध्यादेश का नोटिफिकेशन जारी किया। प्रदेश के गृह विभाग के अपर सचिव राजेश राजौरा ने कहा, राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह अध्यादेश राजपत्र अधिसूचना में प्रकाशित किया गया है। शनिवार को गजट नोटिफिकेशन जारी होते ही अध्यादेश कानून के तौर पर प्रदेश में लागू हो गया है। नए कानून में शादी की आड़ में धोखाधड़ी कर धर्मांतरण कराने वालों पर सख्त दंड का प्रावधान है।
इसलिये अपनाया गया अध्यादेश का रास्ता
मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार ने अध्यादेश का रास्ता इसलिये अपनाया क्योंकि कोविड-19 की मौजूदा स्थिति के चलते 28 दिसंबर से प्रस्तावित रहे प्रदेश विधानसभा के तीन दिवसीय शीतकालीन सत्र के स्थगित हो जाने से सदन में इस संबंध में विधेयक पेश नहीं किया जा सका। राज्य मंत्रिमंडल ने 29 दिसंबर को हुई बैठक में इस अध्यादेश को मंजूरी दे दी थी।
नए कानून में लव जिहाद से जुड़े कुछ मामलों में दस साल की जेल के दंड का प्रावधान है। इसमें कुछ प्रावधान उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा जारी किये गये अध्यादेश के समान हैं, जो धोखाधड़ी से धर्मांतरण के खिलाफ हैं।
नए कानून के अनुसार…
- अब जबरन, भयपूर्वक, डरा- धमका कर, प्रलोभन देकर, बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन करवा कर विवाह करने और करवाने वाले व्यक्ति, संस्था अथवा स्वयंसेवी संस्था की शिकायत प्राप्त होते ही तत्काल अध्यादेश में किए गए प्रावधानों के मुताबिक संबंधितों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
- इस कानून के जरिए शादी या किसी अन्य कपटपूर्ण तरीके से किए गए धर्मांतरण के मामले में अधिकतम 10 साल की कैद एवं 50 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
- मध्यप्रदेश के इस कानून में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश-2020 की तरह एक और समानता है कि इस कानून का उल्लंघन करने वाली किसी भी शादी को शून्य माना जाएगा।
- इस कानून में अपना धर्म छिपाकर किए गए विवाह के मामलों में तीन से 10 साल की सजा और 50,000 रुपये जुर्माने का प्रावधान है।
- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और नाबालिगों के धर्मांतरण से जुड़े मामलों में दो से 10 साल की कैद और 50,000 रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
- धर्मांतरण करने वाले व्यक्ति के माता-पिता, कानूनी अभिभावक या संरक्षक और भाई-बहन इस संबंध में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
- धर्मांतरण के इच्छुक लोगों को 60 दिन पहले जिला प्रशासन के पास आवेदन करने की जरूरत होगी।
- पीड़ित महिला कानून के तहत रखरखाव भत्ता पाने की हकदार होगी। ऐसी शादियों से पैदा हुए बच्चे पिता की संपत्ति के हकदार होंगे।