भोपाल। लॉकडाउन के समय भोपाल में आदिल नाम के एक लड़के की हत्या हो जाती है। पुलिस को लगता है ये हत्या आपसी रंजिश में की गई है। लेकिन पुलिस जब जांच में जुटी तो उसे एक ऐसे हत्यारे का पता चला जो जुर्म की दुनिया में सीरियल किलर के नाम से जाना जाता था। नाम था मनीराम सेन। (Maniram Sen) मनीराम को पकड़ने के लिए पुलिस को काफी मेहनत करनी पड़ी। 51 दिनों की भागदौड़ और 74 लोगों से पुछताछ करने के बाद आखिरकार सागर जिले के राहतगढ़ से मनीराम को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
दो जीवन जी रहा था मनीराम
मनीराम ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस को अपने सीरियल किलर (Serial killer) बनने की कहानी बताई हैं। उसने कहा कि मैं कई हत्याएं कर चुका हूं। मैं ये हत्याएं तंत्र-मंत्र के चक्कर में करता हूं। पुलिस को उसकी ये बातें हैरान कर रही थी, क्योंकि उन्हें लग रहा था कि साधारण सा दिखने वाला यह शख्स क्या सच में इतनी हत्याएं कर सकता है। लेकिन मनीराम ने जिन घटनाओं का जिक्र किया। उन घटनाओं को पुलिस पहले से ही जानती थी। उन्हें यकीन हो गया। मनीराम ने आगे बताया कि उसे तंत्र मंत्र के जरिए हत्या करने में सुकून मिलता है। मनीराम एक साथ दो जीवन को जी रहा था। वह दुनिया की नजरों में काफी साधारण और सादगी से जीने वाला व्यक्ति था। लेकिन वहीं दूसरी तरफ वह एक सिरियल किलर था।
ऐसे बना सिरियल किलर
मनीराम के सामने अगर कोई पहले तंत्र-मंत्र की बात करता था तो वह काफी खुश हो जाता था। उसे लगता था कैसे कोई तांत्रिक अपना काम करने के लिए दुसरों की हत्या कर देता है। ऐसा क्या है तंत्र-मंत्र में कि कोई किसी की हत्या कर देता है। उसके उपर भी तांत्रिक बनने का भूत सवार हो गया और यहीं से उसने जुर्म की दुनिया में अपना पहला कदम रखना शुरू किया। अब वो दो तरह की जिंदगी में प्रवेश कर चुका था। सबसे पहले उसने विदिशा जिले के मनोरा गांव के रहने वाले सन्नो हरिजन को अपना शिकार बनाया। जिससे उसने 1 लाख रूपये उधार लिए थे। लेकिन जैसे ही सन्नो, मनीराम से पैसे मांगने लगा वह उसे रास्ते से हटाने के लिए तंत्र-मंत्र का प्रलोभन देने लगा।
5 लोगों का एक साथ किया था कत्ल
सन्नो हरिजन भी उसकी बातों में आ गया। मनीराम ने उसे बताया कि उसे एक खजाना मिला है जो जंगलों में है। लेकिन इसके लिए उसे रात में पुजा करनी होगी और इसके लिए उसे कुछ लोगों की जरूरत है। सन्नो हरिजन को लगा क्यों ना मैं भी इस खजाने से कमाई कर लूं। उसने परिवार के साथ जंगल में जाने का मन बनाया। 7 जुलाई 2000 की रात में मनीराम ने परिवार के सभी लोगों सन्नो, उसकी पत्नी सड़ी बाई, भाई कल्लू उसकी पत्नी सुमित्रा और भांजे की पत्नी रामकली को लेकर जंगल में गया और आंखे बंद करवा के एक गड्ढे का चक्कर लगवाने लगा। जैसे ही लोगों ने आंखे बंद की मनीराम ने गेती से एक के बाद एक सभी लोगों पर प्रहार कर दिया। चोट इतना ज्यादा गहरा था कि सभी लोगों की मौत मौके पर ही हो गई। इसके बाद उसने सभी को गड्ढ़े में ही दफन कर दिया। उसने पुलिस को बताया कि ऐसा करने के बाद उसे काफी सुकून मिला।
2017 में ही जेल से छुटा था
मालूम हो कि घटना के एक महीनें बाद उन पांच लोगों के कंकाल विदिशा पुलिस को जंगलों में मिले थे। मनीराम उस वक्त फरार होने में कामयाब हुआ था। लेकिन वो ज्यादा दिन तक पुलिस की नजरों से नहीं बच सका और करीब डेढ़ साल बाद उसे विदिशा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा दी थी। वो सजा काट कर 2017 में ही जेल से छुटा था। लेकिन उसने अभी भी तंत्र-मंत्र को नहीं छोड़ा था। वह जेल से आने के बाद भी परिवार से दूर रहने लगा और उसका ज्यादातर समय जंगलों में ही बीतता था। वह कभी-कभी ही अपने परिवार के पास आता था। लेकिन लॉकडाउन (Lockdown) से पहले जैसे ही वह अपने घर भोपाल आया, यहां फंस गया। उसने लॉकडाउन के समय ही पास में ही रहने वाले आदिल नाम के एक लड़के को अपने तंत्र-मंत्र के झुठी कहानी में फंसा लिया। आदिल से उसने 17 हजार रूपये उधार लिए। लेकिन जैसे ही आदिल ने पैसे मांगने शुरू किए। उसे भी जंगल में ले जाकर मनीराम ने मार दिया।
पुलिस से बचने के लिए जंगलों में भागना चाहता था
हत्या करने के बाद मनीराम इस बार भी फरार होने के फिराक में था। लेकिन पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उसे सागर के पास राहतगढ़ से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को उसने बताया कि वो छत्तीसगढ़ भागना चाहता था। जहां वह अपने एक परिचित के पास जंगलों में रहता। इससे पहले भी वह जेल से छुटने के बाद उत्तरप्रदेश और उत्तराखंड के जंगलों में रहा करता था।