नयी दिल्ली, आठ जनवरी (भाषा) देश में ‘बर्ड फ्लू’ के खतरे के बीच दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में कम से कम 35 कौवों की मौत हो गई है और जांच के लिए उनके नमूनों को प्रयोगशालाओं में भेजा गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
इससे पहले, पशुपालन विभाग के एक अधिकारी ने कहा था कि पिछले तीन से चार दिनों में दिल्ली के तीन क्षेत्रों में लगभग 50 पक्षियों की मौत हुई है, जिनमें ज्यादातर कौवे हैं।
विभाग के डॉ. राकेश सिंह ने कहा,‘‘ हमें द्वारका और मयूर विहार फेज-तीन तथा पश्चिमी दिल्ली के हस्तसाल गांव से कौवों की मौत की सूचना मिली है।’’
सिंह ने कहा, ‘‘ लेकिन अभी इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि क्या ये मौतें ‘बर्ड फ्लू’ संक्रमण से हुई हैं।’’
एक बयान में कहा गया, ‘‘उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के निर्देश पर मयूर विहार फेज तीन के सेंट्रल पार्क में त्वरित प्रतिक्रिया टीम को भेजा गया।’’
बयान में कहा गया, ‘पार्क में सत्रह कौवे मृत पाए गए और चार नमूने एकत्र किए गए। शेष मृत पक्षियों को जमीन के अंदर गहराई में दफना दिया गया।’
डीडीए पार्क, द्वारका में दो कौवे मृत पाए गए और एक नमूना वहां से एकत्र किया गया।
बयान में कहा गया कि एकत्रित नमूनों को शनिवार को राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान, आईसीएआर, भोपाल भेजा जाएगा।
पश्चिम जिले के हस्तसाल गांव के डीडीए पार्क में सोलह कौवे मृत पाए गए और वहां एकत्र किए गए चार नमूनों को उत्तरी क्षेत्रीय रोग निदान प्रयोगशाला, जालंधर भेजा गया।
केंद्र ने बुधवार को कहा था कि हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और केरल में 12 जगहों से बर्ड फ्लू के मामले आ रहे हैं, वहीं पंचकूला के ‘पॉल्ट्री फॉर्म’ में बड़ी संख्या में मुर्गियों की असामान्य मौत के बाद हरियाणा में भी हाई अलर्ट है।
उपमुख्यमंत्री सिसोदिया ने बृहस्पतिवार को कहा था कि शहर में अभी तक ‘बर्ड फ्लू’ का कोई मामला नहीं है और अधिकारियों को पड़ोसी राज्यों से आने वाले ‘पॉल्ट्री’ पक्षियों पर नजर रखने को कहा गया है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली में संभावित ‘हॉट स्पॉट’ पर नजर रखने के लिए 11 त्वरित प्रतिक्रिया टीमें गठित की गई हैं।
सिसोदिया ने मुर्गी बाजारों, जलाशयों, चिड़िया घरों और अन्य संभावित जगहों पर नजर रखने को कहा है। इनमें गाजीपुर मछली और मुर्गी बाजार, शक्ति स्थल झील, संजय झील, भलस्वा झील, दिल्ली चिड़िया घर और डीडीए के पार्कों में बने छोटे-छोटे तालाब शामिल हैं।
भाषा कृष्ण अविनाश
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