अहमदाबाद, आठ जनवरी (भाषा) गुजरात उच्च न्यायालय ने 14 जनवरी को उत्तरायण एवं मकर संक्रांति से जुड़ी पतंगबाजी पर पूर्ण रोक लगाने से शुक्रवार को इनकार कर दिया और कोरोना वायरस महामारी के संदर्भ में राज्य सरकार द्वारा प्रस्तावित पाबंदियों को मंजूरी दे दी।
गुजरात में उत्तरायण के दौरान पतंगबाजी एक बड़ी गतिविधि है। इस मौके पर लोग अपने घरों की छतों पर पतंग उड़ाते हैं। उत्तरायण 14 जनवरी को है।
मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला की खंडपीठ ने मकर संक्रांति पर पतंगबाजी के संबंध में सरकार द्वारा लगायी गयी पाबंदियों पर अपनी सहमति दी।
कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा, ‘‘ हम किसी के विरोधी नहीं हैं और किसी की आजीविका छीनना नहीं चाहते हैं। लेकिन किसी अन्य की जिंदगी खतरे में डाल देना भी विचारणीय विषय है। लोगों पर बड़ी जिम्मेदरी है।’’
कुछ याचिकाकर्ताओं ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए पतंगबाजी पर पूर्ण रोक का अनुरोध किया है जबकि कुछ अन्य ने राहत की दरख्वास्त की है।
सरकार ने खुले मैदानों और सार्वनजिक क्षेत्रों में पतंगबाजी पर रोक लगा रखी है । सरकारी नियमों के अनुसार छतों से पतंग उड़ाने के दौरान मास्क पहनना, सामाजिक दूरी और सेनेटाइजर का उपयोग जरूरी है।
भाषा राजकुमार अविनाश
अविनाश