नयी दिल्ली, छह जनवरी (भाषा) केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि किसान संगठनों के साथ चल रही बातचीत को वह उन्हें (किसानों को) केन्द्र के नए कृषि कानूनों के फायदे बताने के अवसर के रूप में देख रहे हैं।
गौरतलब है कि कृषि कानूनों के विरोध में पिछले करीब एक महीने से जारी किसानों के प्रदर्शन से उत्पन्न गतिरोध को समाप्त करने के लिए पीयूष गोयल, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और वाणिज्य राज्य मंत्री सोमप्रकाश के साथ करीब 40 किसान संगठनों के साथ बातचीत कर रहे हैं।
ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्डस के 74वें स्थापना दिवस पर खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि किसी भी चीज को देखने का अलग-अलग नजरिया होता है और उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि किसान संगठनों के साथ बातचीत को समस्या या अवसर किसी भी रूप में देखा जा सकता है।
गोयल ने कहा, ‘‘चीजों को देखने का हमेशा अलग-अलग नजरिया होता है। कोई अच्छा काम आसान नहीं होता और मुश्किलें हमेशा आएंगी। हर काम में समस्या आती है, लेकिन सबकुछ इसपर निर्भर करता है कि हम चीजों को कैसे देखते हैं और उनसे किस तरीके से निपटते हैं। सबकुछ नजरिए पर निर्भर है।’’
मंत्री ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के साथ बातचीत को वह ऐसे अवसर के रूप में देखते हैं जिसमें किसानों, उनके परिवार और पूरे देश को इन कानूनों के फायदे के बारे में बताया जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘उदाहरण के लिए जब मैं कृषि मंत्री तोमर के साथ किसान संगठनों से बातचीत के लिए जाता हूं, मुझे उसे समस्या के रूप में देखना चाहिए या फिर अवसर के रूप में देखना चाहिए।’’
भाषा अर्पणा पवनेश
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