लंदन, छह जनवरी (एपी) एक ब्रिटिश न्यायाधीश ने विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे की जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें तब तक उच्च सुरक्षा वाली जेल में ही रखे जाने का आदेश दिया जब तक ब्रिटेन की अदालतें इस बात पर फैसला नहीं कर लेतीं कि जासूसी के मुकदमे का सामना करने के लिये उन्हें अमेरिका भेजा जाए या नहीं।
डिस्ट्रिक्ट जज वेनेसा बाराएत्सर ने कहा कि उनके असांजे को प्रत्यर्पित नहीं किये जाने के फैसले के खिलाफ अमेरिकी अधिकारियों द्वारा की गई अपील पर जब तक अदालतें विचार करती हैं तब तक 49 वर्षीय ऑस्ट्रेलियाई को जेल में ही रखा जाना चाहिए।
उन्होंने बुधवार को कहा कि असांजे के “फरार होने का जोखिम” है और यह यकीन करने की वाजिब वजह हैं कि रिहा करने पर वह अदालत में वापस नहीं आएगा।
करीब एक दशक पहले गोपनीय सैन्य दस्तावेजों के विकीलीक्स द्वारा प्रकाशन को लेकर जासूसी के आरोपों का सामना करने के लिये असांजे को अमेरिका भेजे जाने संबंधी वहां के अधिकारियों की याचिका को बाराएत्सर ने सोमवार को खारिज कर दिया था।
न्यायाधीश ने स्वास्थ्य आधार पर प्रत्यर्पण से इनकार करते हुए कहा कि अमेरिका में जेल की सख्त परिस्थितियों के दौरान असांजे के अपनी जान लेने की भी आशंका है।
इस फैसले का आशय यह है कि असांजे को लंदन की उच्च सुरक्षा वाली बेलमार्श जेल में ही रहना होगा जहां वह अप्रैल 2019 से बंद हैं। सात साल पहले एक अन्य कानूनी मामले में जमानत की शर्तों का उल्लंघन करने पर गिरफ्तारी के बाद उन्हें यहां रखा गया है।
असांजे की संगिनी स्टेला मोरिस ने कहा कि यह “बेहद निराश करने वाला” फैसला है। विकीलीक्स के प्रवक्ता क्रिस्टीन ह्राफैन्सन ने कहा, “यह अमानवीय है। यह अतार्किक है।”
असांजे को प्रत्यर्पित नहीं किये जाने के खिलाफ अमेरिकी सरकार के वकीलों ने अपील की है और ब्रिटेन की हग अदालत में इस पर सुनवाई होगी। सुनवाई की तारीख का खुलासा अभी नहीं किया गया है।
अमेरिका के लिये काम कर रहीं ब्रिटिश वकील क्लेयर डोब्बिन ने कहा कि असांजे यह दिखा चुके हैं कि प्रत्यर्पण से बचने के लिये वह “किसी भी हद तक” जाएंगे और ऐसी संभावना है कि जमानत दिये जाने पर वह फरार हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि असांजे ने लंदन के इक्वाडोर दूतावास के अंदर शरण लेने के बाद वहां सात साल बिताए थे।
डोब्बिन ने कहा कि असांजे के पास एक बार फिर कानून से बचने के लिये “संसाधन, क्षमता और तिकड़म के तरीके” हैं। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया कि मैक्सिको ने कहा है कि वह असांजे को शरण की पेशकश करेगा।
भाषा
प्रशांत पवनेश
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