कोलकाता, चार जनवरी (भाषा) माकपा के वरिष्ठ नेता अशोक भट्टाचार्य ने कहा है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली पर राजनीति में आने का दबाव था। भट्टाचार्य के इस बयान से रविवार को विवाद खड़ा हो गया।
शनिवार को गांगुली को दिल का दौरा पड़ने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
ऐसी अटकलें थीं कि पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी इस साल अप्रैल-मई में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल होंगे। हालांकि गांगुली ने राजनीति में आने को लेकर अपनी मंशा कभी स्पष्ट नहीं की।
शनिवार को दिल का दौरा पड़ने के बाद गांगुली की एंजियोप्लास्टी की गयी। कोलकाता के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।
गांगुली के लंबे समय से पारिवारिक मित्र रहे भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘कुछ लोग गांगुली का राजनीतिक रूप से इस्तेमाल करना चाहते हैं। संभवत: इससे वह दबाव में थे। वह राजनीतिक मिजाज के नहीं हैं। उन्हें एक बेहतरीन खिलाड़ी के तौर पर जाना जाए।’’
भट्टाचार्य अस्पताल में गांगुली का हालचाल जानने पहुंचे थे। उन्होंने कहा, ‘‘हमें उन पर दबाव (राजनीति में आने के लिए) नहीं डालना चाहिए। मैंने पिछले सप्ताह उन्हें कहा था कि उन्हें राजनीति में नहीं आना चाहिए और उन्होंने मेरे विचारों को खारिज नहीं किया था।’’
राज्य के पूर्व मंत्री के इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, ‘‘कुछ लोग अपनी तुच्छ मानसिकता के कारण हर चीज में राजनीति देखते हैं। गांगुली के लाखों प्रशंसकों की तरह हमलोग भी उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हैं।’’
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य में मंत्री शोभनदेव भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘सौरव गांगुली को पार्टी (तृणमूल कांग्रेस) में लाने के लिए कभी प्रयास नहीं किया गया। एक उम्दा खिलाड़ी के रूप में हमें उन पर गर्व है।’’
तृणमूल कांग्रेस के नेता ने भी अस्पताल जाकर गांगुली से मुलाकात की थी।
गांगुली के साथ खेल चुके पूर्व खिलाड़ी और राज्य में मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ला, दिवंगत बीसीसीआई अध्यक्ष जगनमोहन डालमिया की बेटी तृणमूल विधायक वैशाली डालमिया, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य समेत कई अन्य लोग गांगुली से मिलने के लिए अस्पताल पहुंचे।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी शनिवार को अस्पताल जाकर गांगुली का हालचाल जाना।
गांगुली ने पिछले सप्ताह राजभवन में राज्यपाल से शिष्टाचार भेंट की थी।
भाषा सुरभि मानसी
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