नई दिल्ली। जब व्यक्ति मुसीबत में Rahu Effects आता है तो अपनी कुंडली की पड़ताल भी करने लगता है। जब मेहनत करने के बाद भी फल नहीं मिलता तो हम कुंडली खंगालने लगते हैं। इन ग्रहों में राहु का भी विशेष महत्व होता है। अगर आपको नहीं पता कि राहु आपकी कुंडली कैसा है। तो आइए हम आपको बताते हैं कि कैसे पहचान सकते हैं कुंडली में राहु दोष।
ऐसे पहचानें राहु का प्रभाव
यदि राहु आपकी कुंडली में बुरा प्रभाव देता है तो इससे इंसान पागल तक हो जाता है।हालांकि कि इस बात पर भी निर्भर करता है कि राहु का आपकी कुंडली में कितना प्रभाव है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु कटु भाषण, विदेश, शोध, चीजों की कमी, तर्क, झूठ, चालाकी, शक्ति, गरिमा, जुआ, झगड़ा, आत्महत्या, गुलामी, गलत तर्क आदि का प्रतिनिधित्व करता है। इसके विपरीत केतू अंतिम मुक्ति, कारावास, मोक्ष, आत्महत्या, दोषी व्यक्ति, हत्या, व्यभिचार, जानवर, उपभोग, दर्दनाक बुखार, महान तपस्या, मन की अस्थिरता तथा विदेशी लोगों से संबंध को दर्शाता है। व्यक्ति पर राहु और केतू का प्रभाव उसकी की कुंडली पर निर्भर करता है।
ग्रहों पर दी नजर से निर्धारित होता है प्रभाव
पंडित रामगोविन्द शास्त्री के अनुसार व्यक्ति की कुंडली में जिस स्थान पर राहु और केतू बैठे होते हैं और जिन भी ग्रहों की दृष्टि इन दोनों पर पड़ती है। उसी के आधार पर जातकों के भाग्य पर इसका प्रभाव देखा जाता है। राहु और केतू के अपनी कुंडली में सही स्थान पर रहने पर यह उस स्थान के प्रभावों को बढ़ा देता है। परंतु इसी के विपरीत स्थिति होने पर व्यक्ति को सतर्क हो जाना चाहिए।
ऐसे पहचाने राहु दोष को
कुंडली में राहु दोष होने पर व्यक्ति में मानसिक तनाव, आर्थिक नुकसान, गलतफहमी, आपसी तालमेल में कमी, गुस्सा आना, वाणी का कठोर होना और अपशब्द बोल आदि लक्षण आने लगते हैं। वहीं दुर्घटना, पेट में कोई समस्या, सिर में दर्द होना, भोजन में बाल दिखना, अपयश की प्राप्ति, संबंध खराब होना, दिमागी संतुलन ठीक न होना भी इसका कारण बनता है। शारीरिक कष्ट भी, शत्रुओं की तरफ से होने वाली परेशानी आदि भी राहु के खराब होने के संकेत हैं।
ऐसे करें राहु की पहचान
पेट के रोग, दिमागी रोग, पागलपन, खाजखुजली ,भूत -चुडैल का शरीर में प्रवेश, बिना बात के ही झूमना, नशे की आदत लगना, गलत स्त्रियों या पुरुषों के साथ सम्बन्ध बनाकर विभिन्न प्रकार के रोगों से ग्रसित हो जाना, मादक पदार्थों का सेवन, टीवी और मनोरंजन में अपना समय बिताना, डारवने शो देखने की आदत होना, भूत प्रेत और रूहानी ताकतों के लिये जादू या शमशानी काम करना, नेट पर बैठ कर बेकार की स्त्रियों और पुरुषों के साथ चैटिंग करना। इसके अलावा दिमाग खराब करते रहना।
राहु का सकारात्मक प्रभाव
नकारात्मक कारण के साथ—साथ इसके सकारात्मक प्रभाव भी होते हैं। अचानक लाटरी निकलना, मकान खोदने पर गढ़ा हुआ धन निकला, राजनीति मे अचानक ऊँचा पद मिलना, सट्टा बाजार में अचानक करोड़ो मिलना। सभी राहू के ही संकेत है। बतादें भले ही राहु अमृतपान करके बलशाली हो गया। लेकिन उसकी राक्षस प्रवत्ति होने के कारण उसकी आदत नकारात्मक ही रहेगी। नकारात्मक व्यक्ति भी किसी न किसी पर मेहरबान तो होता ही है।