नई दिल्ली। अभी तक हम चोट Fruit Bandage लगने, कटने—फटने या छिल जाने पर मेडिकल पर मिलने वाली सूती बैंडेज या हैंडीप्लास्ट का उपयोग करते थे। पर अब हो सकता है आपको जल्द ही एक ऐसी बैंडेज मिलने लगे जिसे फलों के छिलकों से बनाया गया है। जी हां यह बैंडेज सस्ती होने के साथ—साथ एंटीबैक्टीरियल गुणों वाली होगी। वैज्ञानिकों द्वारा किए गए इस कमाल के बारे में बताते हैं आपको।
इस यूनिर्विसिटी के वैज्ञानिकों ने बनाई बैंडेज
दरअसल सिंगापुर की नानयंग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी NTU के वैज्ञानिकों ने फलों को खाने के बाद बर्बाद हुए छिलकों से एंटीबैक्टीरियल पट्टियां बनाई हैं। ये बैंडेज पट्टी किफायती होने के साथ—साथ काफी सुरक्षित भी हैं। वैज्ञानिकों को आगे चलकर सोयाबीन और बेकार अनाजों से भी ऐसी पट्टी बनाई जाने की उम्मीद है।
ड्यूरियन फ्रूट के छिलके काम आए
इस बैंडेज को बनाने के लिए पहले ड्यूरियन फ्रूट (Durian) के बचे हुए छिलके से सेल्युलोस पाउडर निकाला गया। इसके बाद इसे एंटीबैक्टीरियल पट्टियों में बदला गया। इसके लिए सिंगापुर स्थित NTU के शोधकर्ताओं ने छिलकों को सुखाकर इसमें ग्लाइसरोल मिलाया। इसके बाद तैयार मिश्रण से सॉफ्ट हाइड्रोजेल तैयार कर उसे काटकर एंटीबैक्टीरियल पट्टियां बनाई गईं।
बेकार छिलकों का सही इस्तेमाल
NTU यानि नानयंग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी में Food and Science प्रोग्राम के डाइरेक्टर प्रो विलियम चेन द्वारा डॉयचे वेले को एक जानकारी दी। जिसके अनुसार सिंगापुर में हर साल लोगों द्वारा लगभग 1.20 करोड़ ड्यूरियन फल खाया जाता है। इसका गुदा खाए जाने के बाद छिलके और बीज बेकार हो जाते हैं। ये बीज और छिलके पर्यावरण के लिए हानिकारक होने के कारण इन छिलकों से एंटीबैक्टीरियल पट्टियां बनाने से बेहतर और तरीका हो ही नहीं सकता।
आगे जाकर सोयाबीन से भी बन सकती है बैंडेज
इस ड्यूरियन फल का फेका जाने वाला छिलका गीला कचरा बनकर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है। प्रो विलियम की टीम के अनुसार इन छिलकों का इससे अच्छा सदुपयोग हो ही नहीं सकता। उनके अनुसार सोयाबीन और अनाज की अन्य चीजों से भी हाइड्रोजेल बनाया जा सकता है।
एक साथ तीन खूबी
वैज्ञानिकों द्वारा तैयार की गई ये हाइड्रोजेल पट्टियां अन्य पट्टियों के मुकाबले अधिक असरदार भी हैं। इनकी खासियत यह है कि ये पट्टियां घावों में नमी बनाए रखने के साथ—साथ उन्हें ठंडा भी रखती हैं। साथ ही इनसे जख्म भी जल्दी भरता है। खाने के वेस्ट पदार्थ के साथ—साथ खमीर से बैंडेज पट्टियों को बनाना अपेक्षाकृत आसान होता है। आम पट्टियों में एंटिबैक्टीरियल गुण के लिए मिलाई जाने वाली चांदी, कॉपर जैसे धातुओं की अपेक्षा इसका उपयोग काफी सस्ता होता है।