नई दिल्ली। पिछले करीब चार माह पहले 27 मई से वक्री हुए Margi shani 29 sep 2021 शनि 29 सितंबर को मार्गी होने जा रहे हैं। मार्गी होकर ये सभी राशि के जातकों को विशेष शुभ फल देंगे। जिन्हें अभी शनि की साढ़े साती या अढ़ैया चल रही है। उन्हें लाभ होगा। परंतु पंडित राम गोविन्द शास्त्री के अनुसार 29 सितंबर तक सतर्क रहने की जरूरत है। हमारे धर्म शास्त्रों में शनि देव (Shani Dev) की महिमा अपरंपार बताई गई है। शनि देव मनुष्यों को उनके अच्छे और खराब कर्मों के हिसाब से उन्हें फल देते हैं। इसलिए इन्हें न्याय के देवता कहते हैं।
मार्गी होते ही चलेंगे सीधी चाल
पंडित रामगोविन्द शास्त्री के अनुसार शनि किसी भी राशि में जाकर चार माह तक वर्की रहते हैं। फिर आठ माह के लिए मार्गी होे जाते हैं। वर्की होने पर उनकी चाल उल्टी हो जाती है। तो वही मार्गी होने पर सीधी चाल चलकर शुभ फल देने लगते हैं। विशेष रूप से उन व्यक्तियों को जिन पर शनि की अढ़ैया या साढ़े साती चल रही होती है। वर्तमान में शनि मकर राशि में ही मार्गी हो रहे हैं। इसके बाद यह करीब आठ माह इसी राशि में रहने के बाद कुंभ राशि में पहुुंचेंगे।
इन राशियों पर चल रही अढ़ैया
वर्तमान में मिथुन, तुला के जातकों पर शनि की अढ़ैया चल रही है। अढ़ैया का समय ढाई वर्ष का होता है।
इन पर चल रही साढ़ेसाती
धनु, मकर, कुंभ पर शनि की साढ़ेसाती Margi Shani 29 Sep चल रही है। साढ़ेसाती का समय 7.5 वर्ष का होता है।
शनि की शांति के लिए करें ये उपाय
प्रत्येक शनिवार को करें शनिदेव की पूजा Shani Dev को How to worship Shani Dev प्रसन्न रखना जरूरी बताया गया है। मान्यता अनुसार शनिवार को सही तरीके से इनकी पूजा की जाए ग्रहों की दशा सुधरती है। फलस्वरूप उनकी असीम कृपा प्राप्त होती है। आइए जानते हैं क्या हैं वे उपाय।
तेल का दीया जलाएं
प्रत्येक शनिवार को मंदिर में सरसों के तेल का दीया Margi Shani 29 Sep जलाना चाहिए। पर ध्यान रखें यह दीया मूर्ति के समक्ष नहीं बल्कि मंदिर में रखी उनकी शिला के सामने रख कर जलाना चाहिए। पास में शनि मंदिर न हो तो पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीया जलाएं। अगर आसपास पीपल का पेड़ भी न हो तो किसी जरूरतमंद को सरसों का तेल दान दिया जा Margi shani 29 August 2021 सकता है। इससे भी उतना ही फल मिलता है।
जरूरतमंद को काली वस्तु दान करें
शनिदेव की पूजा के दौरान शनि मंत्र का जाप करना चाहिए। इसके बाद किसी गरीब को सरसों का तेल, काली उड़द या किसी भी काली वस्तु दान करें। दान के बाद शनि चालीसा का जाप करें। तत्पश्चात हनुमान जी की पूजा करके उनकी मूर्ति पर सिन्दूर लगाकर केला अर्पित करें।